‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के समर्थन में 32 राजनीतिक पार्टियां, जानिए किन-किन पार्टियों ने किया विरोध
नई दिल्ली: वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया, जिनमें से 47 पार्टियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। रिपोर्ट के अनुसार, 32 राजनीतिक पार्टियां एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं, वहीं 15 पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।
कांग्रेस समेत इन पार्टियों ने किया विरोध
कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध किया है। वहीं भाजपा और नेशनल पीपल्स पार्टी ने इसका समर्थन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 32 राजनीतिक पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन योजना का समर्थन किया है, उनका कहना है कि इससे संसाधन बचेंगे और सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास की भी सुरक्षा होगी।
राजनीतिक पार्टियों ने विरोध की बताई ये वजह
रिपोर्ट में बताया गया है कि जो पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं, उनका तर्क है कि यह संविधान के आधारभूत ढांचे का उल्लंघन कर सकता है। साथ ही यह अलोकतांत्रिक, गैर-संघीय कदम होगा, जिससे क्षेत्रीय पार्टियों को नुकसान होगा और राष्ट्रीय पार्टियों का प्रभुत्व बढ़ेगा। आप, कांग्रेस और सीपीआई(एम) ने वन नेशन, वन इलेक्शन के विचार को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करेगा। साथ ही सीपीआई (एमएल) लिब्रेशन, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, राजद, भारतीय समाज पार्टी, गोरखा नेशनल लिबरल फ्रंट, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) ने भी वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया है।