पुलिसकर्मियों को बिना मतलब दौड़ाने और भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू जाएंगे जेल, हर माह मांगा जाएगा फीडबैक
वाराणसी: पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि अनावश्यक पुलिसकर्मियों को परेशान और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले बाबुओं को जेल भेजा जाएगा। पुलिसकर्मियों को अपने कार्य जैसे टीए भुगतान, मेडिकल बिल आदि के भुगतान के लिए पुलिस कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ें। इस कारण प्रत्येक माह सैनिक सम्मेलन होगा, जिसमें पुलिस कर्मियों से लिपिकों का फीडबैक मांगा जाएगा।
बुधवार को कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में पुलिस आयुक्त ने कार्यालय की विभिन्न शाखाओं के निस्तारित, लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। इस दौरान कहा कि कोई भी पत्रावली (फाइल) अनावश्यक रूप से लंबित मिली तो संबंधित लिपिक के खिलाफ कार्रवाई तय है। पुलिस कर्मचारी थानों में 24 घंटे कार्य करते हैं, उनका कल्याण हमारी प्राथमिकता है। कमिश्नरेट स्तर पर किसी भी कर्मचारी के पेंशन भुगतान और मृतक आश्रित भर्ती संबंधित फाइल अनावश्यक लंबित नहीं हो।
भ्रष्टाचार व आपराधिक मामलों में जेल जाने वाले पुलिसकर्मियों की सत्यनिष्ठा रोकी जाएगी। वहीं, उन्होंने प्रधान लिपिक कार्यालय और विभिन्न शाखाओं के निस्तारित व लंबित प्रकरणों के संबंध में समीक्षा की। प्रकरणों को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रखा जाए। डीसीपी (मुख्यालय) इसकी साप्ताहिक समीक्षा करें। बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के एजिलरसन, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) प्रमोद कुमार, सहायक पुलिस आयुक्त (आंकिक) गौरव कुमार आदि रहे।
आठ निरीक्षक और दो उप निरीक्षक के कार्यक्षेत्र में हुआ बदलाव
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बुधवार की रात आठ निरीक्षकों और दो उप निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया। निरीक्षक जितेंद्र यादव को पुलिस लाइन से मॉनिटरिंग सेल का प्रभारी, निरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह को सर्विलांस सेल से डायल-112 का प्रभारी, पुलिस लाइन से निरीक्षक तरूण कुमार पांडेय और भेलूपुर से निरीक्षक मनोज कुमार तिवारी को साइबर सेल भेजा।