महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार, नतीजों के दो दिन बाद नाना पटोले ने दिया इस्तीफा

मुंबई:विधानसभा चुनाव में हार के कुछ दिन बाद नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए पटोले ने अपने इस्तीफे की पेशकश का दी है। कांग्रेस चुनाव में बड़ी मुश्किल से दहाई के आंकड़े तक पहुंची है। उसे महज 10 सीटों से संतोष करना पड़ा है, जबकि लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था। नाना पटोले ने खुद भंडारा जिले की साकोली सीट से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाई थी। पटोले साकोली सीट से चार बार के विधायक हैं। फिर भी उन्हें इस सीट से जीत दर्ज करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें महज 208 मतों के अंतर से जीत मिली थी।

ऐसे रहे चुनाव परिणाम

दरअसल, महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों महायुति और एमवीए के बीच था। नतीजों में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट) के गठबंधन महायुति को 235 सीटें मिलीं। इसमें भाजपा को सबसे ज्यादा 132, सहयोगी शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। यह बहुमत के आंकड़े 145 से काफी ज्यादा है। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी को 54 सीटें मिली हैं। इसमें शिवसेना (उद्धव) ने 20 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (शरद) ने 10 सीटें जीतीं।

नाना पटोले के बारे में जानिए

महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया सीट से पूर्व भाजपा सांसद नाना पटोले जनवरी 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पटोले मूल रूप से कांग्रेसी ही थे, लेकिन कुछ समय के लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। पिछली बार कांग्रेस के नाना पटोले ने भाजपा के डॉ. परिणय फुके को 6240 मत से हराया था। इस बार के चुनाव में कांग्रेस के नाना पटोले के सामने साकोली में भाजपा ने पार्टी में एक दिन पहले आने वाले अविनाश ब्राह्मणकर को अपना उम्मीदवार बनाया था। अविनाश एनसीपी (शरद पवार) के भंडारा जिला परिषद के समूह नेता थे। यहां पटोले ने महज 208 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 96795 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अविनाश को 96587 वोट मिले।

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