नौका डूबने के बाद से नहीं सोए 60 साल के भाटी; भाई को ढूंढने के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे

मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई तट के पास बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां नौसेना के एक पोत के एक नौका से टकराने की वजह से 13 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, दो लोग लापता भी हैं। भयावह हादसे के बाद से ही 60 साल के जोघराम भाटी सो नहीं पा रहे हैं। वे अपने छोटे भाई को ढूंढने के लिए शहर के अस्पतालों में दौड़ रहे हैं।

दो लोग हैं लापता
फेरीबोट ‘नील कमल’ पर सवार 43 साल हंसराम भाटी समेत दो लोग हादसे के बाद से लापता हैं।

रिश्तेदारों को ले गए थे घुमाने
हंसराम मुंबई के मलाड इलाके में रहते थे और आभूषण व्यवसाय से जुड़े थे। वे राजस्थान से आए अपने रिश्तेदारों के साथ एलीफेंटा द्वीप पर जाने के लिए गए थे। जोघराम ने बताया कि बुधवार को हंसराम के साले का बेटा प्रवीण राठौड़ और उनकी पत्नी नीतु मुंबई घूमने के लिए आए थे। हंसराम ने अपने काम से छुट्टी लेकर उन्हें एलीफेंटा द्वीप दिखाने का फैसला किया था।

वे मलाड से करीब दो बजे निकले थे और गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे, जहां उन्होंने फेरी पकड़ी। जब नौसेना का जहाज फेरी से टकरा गया और नौका डूब गई, उसके बाद बचे प्रवीण और उनकी पत्नी ने अपने रिश्तेदारों को फोन कर घटना की जानकारी दी।

जोघराम का बुरा हाल
जोघराम ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस दुर्घटना के बारे में पता चला, वे गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे। वहां प्रवीण और उसकी पत्नी तो बच गए, लेकिन उनका भाई हंसराम नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता वह कहां हैं और उन्होंने क्या सहा है। मैं अपना भाई वापस चाहता हूं। वह बहुत अच्छे इंसान हैं और हमारे परिवार में सबसे प्यारे हैं।’

एक 50 साल के शख्स की मौत
इसी दुर्घटना में, 50 साल के दीपक वाखचौर नाम के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई, जो गोवंडी इलाके के रहने वाले थे। उनके रिश्तेदारों ने सरकार से मृतकों के परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मृतक के शरीर से एक सोने की चेन और अन्य गहने गायब थे। कोलाबा पुलिस ने उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए कहा है।

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