बजट से पहले कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशान, जीडीपी वृद्धि के अनुमान में कटौती पर कही यह बात

चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान में कटौती के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि विकास और निवेश पर मंदी के बादल छा गए हैं, इसे दूर करने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा है कि केंद्रीय बजट से पहले आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक पृष्ठभूमि हुई है।

रमेश ने सुझाव दिया कि भारत में गरीबों की आमदनी बढ़ाने, मनरेगा मजदूरी में इजाफा करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि समय की मांग है। रमेश ने जीएसटी व्यवस्था को “हास्यास्पद रूप से जटिल” बताते हुए इसे सरल बनाने और मध्यम वर्ग के लिए आयकर में राहत की भी मांग की। कांग्रेस नेता रमेश ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के लिए जारी अग्रिम अनुमानों में महज 6.4 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही गई है।

उन्होंने कहा, “यह चार साल का निचला स्तर है और वित्त वर्ष 2024 (2023-24) में दर्ज 8.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में इसमें बड़ी कटौती की गई है। रमेश के अनुसार, यह आरबीआई के हाल के 6.6 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से भी कम है, जबकि आरबीआई ने पूर्व में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया था। रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ ही हफ्तों में, भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार कमजोर हो गया है। रमेश के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में वैसी वृद्धि नहीं हो रही, जैसी होनी चाहिए।

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