खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत, वित्त मंत्री ने किया राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाने का एलान
नई दिल्ली: सरकार ने भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने बजट 2025 में खिलौना उद्योग के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाने का एलान किया है। इसके जरिये खिलौना बाजार के क्लस्टर विकास पर ध्यान दिया जाएगा। पिछले सालों में भारतीय खिलौना बाजार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ी है। चीन पर निर्भरता कम होने के बाद सरकार घरेलू बाजार पर जोर दे रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि खिलौना उद्योग के लिए बनने वाली राष्ट्रीय कार्ययोजना क्लस्टर, कौशल और निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करेगी। योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले, अभिनव और टिकाऊ खिलौने बनाए जाएंगे। यह खिलौने मेड इन इंडिया ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय कार्य योजना पर काम करते हुए भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाएंगे।
भारत में घट गया खिलौनों का निर्यात
वैश्विक स्तर पर मांग में गिरावट के कारण भारत का खिलौना निर्यात 2021-22 में 177 मिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 152 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
सरकार के कदम से चीन पर कम हुई निर्भरता
सरकार ने भारत के खिलौना बाजार को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। गुणवत्ता मानदंडों और सीमा शुल्क में वृद्धि जैसे सरकार के कदमों से घरेलू खिलौना निर्माताओं को बढ़ावा मिला। साथ ही चीनी आयात पर निर्भरता कम हुई। एक दशक से अधिक समय तक भारत में लगभग 76 प्रतिशत खिलौना आयात चीन से होता था।
वर्ष 2013 में चीन से खिलौनों का भारत में आयात 214 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। वहीं सरकार के कदम के बाद वित्त वर्ष 2024 में यह घटकर 41.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इससे भारत के खिलौना आयात में चीन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2013 में 94 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 24 में 64 प्रतिशत हो गई। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है।