थायरॉइड से परेशान हैं तो जरूर जान लीजिए ये काम की बातें, इन चीजों से आज ही बना लें दूरी
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थायरॉइड की समस्या सभी उम्र के लोगों में बढ़ती हुई देखी जा रही है। हमारे गर्दन में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि जब बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन का उत्पादन करने लगती है, तो इसके कारण कई तरह की दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। थायरॉइड विकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- हाइपरथायरॉयडिज्म और हाइपोथायरॉयडिज्म।
हाइपरथायरॉयडिज्म को अतिसक्रिय थायरॉइड के रूप में भी जाना जाता है, इस स्थिति में थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन बहुत अधिक होने लगता है वहीं हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति में हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारी दिनचर्या और खान-पान की गड़बड़ी इन विकारों को बढ़ाने वाली हो सकती है जिसके बारे में सभी लोगों को जानना और बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहना चाहिए। सही आहार, नियमित व्यायाम जैसे उपायों की मदद से आप इन समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
थायरॉइड विकारों के बारे में जानिए
थायरॉइड एक तितली के आकार की ग्रंथि (ग्लैंड) होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा उत्पादन और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है। जिन लोगों को हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या होती है उन्हें थकान और कमजोरी, वजन बढ़ने, बाल झड़ने, कब्ज, डिप्रेशन और मासिक धर्म की अनियमितता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वहीं हाइपरथायरॉयडिज्म के कारण आपको वजन घटने, अक्सर घबराहट, धड़कन तेज होने, नींद न आने और चिड़चिड़ापन जैसी समस्या होती है।
थायरॉइड के मरीजों को क्या करना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 30 की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह पर सभी लोगों को नियमित रूप से थायरॉइड टेस्ट कराते रहना चाहिए। इसके अलावा दिनचर्या में कुछ बदलाव जरूरी हैं।
- आयोडीन युक्त भोजन (नमक, दही, केला, मछली), साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां और नट्स का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम की आदत बनाएं। सर्वांगासन, हलासन, भुजंगासन जैसे योग को इस रोग में काफी फायदेमंद बताया गया है।
- थायरॉइड हार्मोन असंतुलन के कारण नींद की समस्या हो सकती है। कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।