टीवी पर पहले ही बैन है ‘मार्को’, अब इसलिए हो रही ओटीटी पर बैन की मांग

उन्नी मुकुन्दन की फिल्म ‘मार्को’ को बड़ा झटका लगा है। यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हो रही है। इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पाबंदी लगाने की मांग की है। सीबीएफसी के एक अफसर ने कमेटी के चेयरमैन से मांग की है कि वह ओटीटी पर फिल्म की स्ट्रीमिंगी के रोक के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करें। माना जाता है कि ‘मार्को’ फिल्म मलयालम इंडस्ट्री की सबसे हिंसक फिल्मों में से एक है।

मुख्यमंत्री कर चुके हैं आलोचना
फिल्म में बहुत ज्यादा हिंसा दिखाए जाने की वजह से सीबीएफसी ने पहले ही टीवी पर इसके प्रसारण के अधिकार को रिजेक्ट कर दिया था। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पहले ही इस फिल्म में दिखाई गई हिंसा की निंदा की थी। उनके मुताबिक यह फिल्म युवाओं को असल जिंदगी में हिंसा के लिए उकसाएगी।

मां बाप को बच्चों को सावधान करना चाहिए
मनोरमा न्यूज से बात करते हुए सीबीएफसी के क्षेत्रीय अधिकारी नदीम तुफैल ने कहा कि ‘सीबीएफसी की तरफ से पहले ही मार्को को ए प्रमाण पत्र दिया गया है। फिल्म देखने से पहले मां-बाप को अपने बच्चों को सावधान कर देना चाहिए। सीबीएफसी की भूमिका प्रमाणन तक सीमित है और इसमें सेंसरशिप शामिल नहीं है। हमने टीवी पर इसके प्रसारण पर पहले ही पाबंदी लगा दी है क्योंकि यह फिल्म परिवारिक दर्शकों के लिए नहीं है।’

हिंसा पर क्या बोले अभिनेता
फिल्म पर उन्नी मुकुंदन का कहना है कि ‘इंसान के विकास में हिंसा एक अहम हिस्सा रही है। हमें जंग की बदौलत शांति मिली है। इन सभी के ऊपर जिंदा रहना हमारा सबसे बड़ा मकसद है। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि पर्दे पर हिंसा दिखाने का यह एक बहाना है, बल्कि सच्चाई ये है कि हिंसा हमारे समाज में है। मार्को हमारे समाज मैं मौजूद हिंसा का 10 फीसद हिंसा भी नहीं दिखाती।’

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