सपा से टिकट कटने पर प्रदीप यादव ने किया ये काम , मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वह रो पड़े
समाजवादी पार्टी से टिकट कटने पर प्रदीप यादव ने बगावत करते हुए शुक्रवार को रुद्रपुर विधानसभा सीट से निर्दल पर्चा दाखिल कर दिया। नामांकन के बाद कलेक्ट्रेट में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वह फफक कर रो पड़े।
उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ अपनी भंड़ास निकालते हुए हिस्ट्रीशीटर को टिकट देने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी ने 7 फरवरी को प्रदीप यादव को रुद्रपुर विधानसभा से टिकट दिया था। 9 फरवरी को दलबल के साथ वह लखनऊ से रुद्रपुर पहुंचे। इसी बीच 10 फरवरी को उनका टिकट पार्टी ने काटते हुए रामभुवाल निषाद को प्रत्याशी बना दिया। शुक्रवार को रामभुवाल निषाद ने सपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया।
इसके कुछ ही देर बाद प्रदीप यादव भी कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया। नामांकन के बाद जैसे ही वह बाहर निकले मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए फफक कर रो पड़े। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा टिकट काट कर बहुत अन्याय किया है।
2014 में उनके जुलूस में घूम रहा था तो मेरा बेटा नदी में डूब कर मर गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट देकर 10 माह तक घूमाया और फिर काट दिया। इस बार भी यही किया।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब काटना ही था तो टिकट ही क्यों दिया। अब मै क्या करूं, मै भी नदी में डूब मरू? बोले जितना बेटे के मरने पर कष्ट नहीं हुआ था उससे अधिक कष्ट आज हो रहा है। प्रदीप यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कह रहे थे कि किसी माफिया को टिकट नहीं देंगे तो अब एक हिस्ट्रीशीटर को कैसे टिकट दे दिया।
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अब जनता की अदालत में जाएंगे। बटन जनता ही दबाती है, वही इस अन्याय का बदला लेगी। अपनी भंड़ास निकालते हुए प्रदीप यादव यही नहीं रूके उन्होंने यह भी कहा कि रामभुवाल रुद्रपुर के किसी गांव में नहीं घुसने पाएंगे। उनको पांचवे स्थान पर ढकेल देंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो अपना कुर्ता फाड़ लेंगे। बोले मैने 20 साल संघर्ष किया है पूछ लिजिए जाकर जनता में। कोई धरना प्रदर्शन किए हैं रामभुआल चिल्लूपार से आकर चुनाव लड़ेंगे।