बस का इंतजार कर परेशान हो रहे लोगों की जेब काट रहे प्राइवेट वाहन चालक,वसूला जा रहा यात्रियों से दोगुना किराया
कर्मचारियों की हड़ताल हो, चुनाव का दिन हो या फिर सीजन। परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अफसरों की नींद खुलने का नाम नहीं ले रही है। हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन परिसर में टैक्सी-केएमओयू की खुलेआम डग्गामारी जारी है।
बस का इंतजार कर परेशान हो रहे लोगों की जेब प्राइवेट वाहन चालक काट रहे हैं। अल्मोड़ा-बागेश्वर जाने के एवज में यात्रियों से दोगुना किराया वसूला जा रहा है।
जबकि, महज 40 किलोमीटर के नैनीताल के सफर के बदले 200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। देखने को मिला कि रोडवेज बस अड्डे में केएमओयू की बसें खड़ी हैं। दोनों प्रवेश द्वारों पर आधा दर्जन से अधिक टैक्सी चालक कब्जा जमाए हुए हैं। गंतव्य तक जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाकर यात्रियों की जेब पर जबरदस्त डाका डाला जा रहा है।
14 फरवरी को मतदान के दिन सार्वजनिक परिवहन बंद रहा था। इसका फायदा भी टैक्सी चालकों ने खूब उठाया। खुद रोडवेज के कर्मचारियों ने बताया कि रोडवेज-केएमओयू की बसें बंद थीं। ऐसे में यात्रियों से बागेश्वर का 1000 रुपये, अल्मोड़ा का 350 से 400 रुपये तक किराया वसूला गया।
2018 में इसी तरह की डग्गामारी रोकने को लेकर तत्कालीन आरएम यशपाल सिंह ने टीमें गठित की थीं। दावा किया था कि इससे डग्गामारी रुकेगी और रोडवेज की आय में बढ़ोतरी होगी।
कुछ दिनों तक युद्धस्तर पर अभियान चला। उसके बाद टीमें गायब हो गईं। पड़ताल के दौरान देखने को मिला कि रोडवेज स्टेशन में रोडवेज की बसें तो खड़ी हैं, लेकिन उन तक पहुंचने से पहले ही यात्री टैक्सियों में बैठकर अपने गंतव्य को रवाना हो गए। इस डग्गामारी को रोकने या टोकने के लिए कोई अफसर दूर-दूर तक नहीं दिखाई दिया।
यूनियन से जुड़े टैक्सी चालकों का किराया तय होता है। रोडवेज स्टेशन आदि जगहों पर दोगुने किराए में सवारी भरने वाले डग्गामार हो सकते हैं। डग्गामारी करने वालों को यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी।
पहाड़ से आने वाली केएमओयू की बसें ही केवल रोडवेज परिसर में दाखिल हो सकती हैं। इसके इतर उन्हें परिसर से सवारी भरने का अधिकार नहीं है। डग्गामारों पर निगरानी को स्टाफ की ड्यूटी लगाई है। टैक्सी चालकों को कई बार हिदायत भी दी गई है।