CM हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार, कहा नफरत भरे भाषण देने में व्यस्त
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वंश से जुड़ी चीजों पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देना आपकी हीन भावना तो दिखाता है।
साथ ही उन्होंने असम में बाढ़ के चलते हुए मौतों को लेकर भी सीएम पर तंज कसा है। सरमा ने कहा था कि जब तक मदरसा हैं, तब तक बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के बारे में नहीं सोच सकते।
असम सीएम के बयान पर ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘असम में 18 लोगों की मौत हो गई है और बाढ़ के चलते 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन वह नफरत भरे भाषण देने में व्यस्त हैं।’ उन्होंने आगे राष्ट्रीय स्वयं सेवक पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘जब संघी ब्रिटिश एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे, तब मदरसा आजादी के आंदोलन में आगे थे। कई मदसरा विज्ञान, गणित और सामाजिक शिक्षा देते हैं।’
AIMIM प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘शाखा की तरह नहीं, वे आत्मसम्मान और सहानुभूति सिखाते हैं। अनपढ़ संघी नहीं समझ पाएंगे। क्यों हिंदू समाज सुधारक राजा राम मोहन रॉय ने मदरसा में पढ़ाई की थी।’ उन्होंने लिखा, ‘मुस्लिम वंश से जुड़ी चीजों पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देना आपकी हीन भावना को दिखाता है। मुसलमानों ने भारत को समृद्ध किया है और आगे भी करना जारी रखेंगे।’
सरमा ने कहा था, ‘कोई भी यह नहीं कह रहा कि कुरान मत पढ़ाओ। लेकिन इससे ज्यादा एक छात्र को विज्ञान, गणित, बायोलॉजी, बोटनी और जूलॉजी सिखानी चाहिए।’ उन्होंने कहा था, ‘धार्मिक शिक्षा 2-3 घंटे दो, लेकिन स्कूलों में एक छात्र को इस त रह पढ़ाया जाना चाहिए कि वह इंजीनियर या डॉक्टर बन सके।’
खास बात है कि साल 2020 में असम सरकार ने सरकारी मदरसों को सामान्य शिक्षा देने के लिए ‘नियमित स्कूलों’ में बदलने का फैसला किया था। उस दौरान सरमा राज्य में शिक्षा मंत्री थे।