रानिल विक्रमसिंघे ने ली श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ, कहा-“मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं…”

अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को, घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। प्रधान न्यायाधीश  रानिल विक्रमसिंघे ने शासन की प्रणाली में बदलाव लाने का संकल्प जताते हुए देशवासियों से कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं।

उन्होंने कहा, ”मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं, मैं जनता का मित्र हूं…मैंने पहले पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे के साथ काम किया है। वह किसी और पार्टी की थीं और मैं किसी और पार्टी का हूं। मेरे लिए किसी दूसरी पार्टी के राष्ट्रपति के साथ काम करने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनका मित्र हूं।”

विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे। उन पर अब इस नई भूमिका में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने, आर्थिक उथल-पथल को दूर करने और एक बंटे हुए देश को फिर से एकजुट करने का सबसे बड़ा दारोमदार है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ अहम बातचीत का नेतृत्व कर रहे विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह कहा था कि बातचीत निष्कर्ष के करीब है। श्रीलंका को अपनी 2.2 करोड़ की आबादी की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले महीनों में करीब पांच अरब डॉलर की आवश्यकता है।

 

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