चंद्रयान-3 एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर आगे बढ़ा
Chandrayaan-3 crossed another important milestone and moved forward
लैंडर अब मिशन पर खुद ही आगे बढ़ेगा। इसरो ने बताया है कि कल शाम 4 बजे यह थोड़ी निचली कक्षा में उतरने की कोशिश करेगा.एक अन्य ट्वीट में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने ।है कि विक्रम लैंडर से अलग होने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल अपनी मौजूदा कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा करता रहेगा. यह महीनों से लेकर वर्षों तक अपनी यात्रा जारी रखेगा।
विक्रम लैंडर न सिर्फ प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया है, बल्कि उसके साथ प्रज्ञान रोवर भी अलग हो गया है. विक्रम और प्रज्ञान अभी भी साथ हैं। अब तक सब कुछ योजना के मुताबिक ही हुआ है. अगर आगे कोई दिक्कत नहीं आई तो 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे विक्रम लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा.इससे पहले बुधवार को चंद्रयान-3 ने पांचवीं और आखिरी बार अपनी कक्षा बदली थी. चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की सतह के सबसे करीब पहुंच गया है। चंद्रमा से इसकी न्यूनतम दूरी 153 किमी और अधिकतम दूरी 163 किमी है।
14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा बदली गई और उसे चंद्रमा के करीब ले जाया गया। योजना के अनुसार, चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
इसरो को पूरी उम्मीद है कि यह मिशन सफल होगा. लैंडर ‘विक्रम’ को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बड़ी गड़बड़ी भी मिशन को खराब नहीं करेगी। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में सक्षम होगा, भले ही इसके सभी सेंसर और दोनों इंजन काम न करें।