पोर्ट टालबोट संयंत्र के लिए धन जुटाने को लेकर ब्रिटेन सरकार से बात कर रहा टाटा स्टील
टाटा स्टील साउथ वेल्स में अपने पोर्ट टालबोट संयंत्र के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ब्रिटेन की सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
ब्रिटेन के मीडिया की खबरों के मुताबिक, टाटा स्टील साउथ वेल्स में अपने पोर्ट टालबोट संयंत्र के लिए ब्रिटेन सरकार से करीब 500 मिलियन पाउंड (जीबीपी) के वित्तपोषण पर सहमति बनाने के लिए बातचीत के अंतिम दौर में है।
टाटा स्टील ब्रिटेन के सबसे बड़े इस्पात कारखानों के महत्वपूर्ण हरित संक्रमण (ग्रीन ट्रांजिशन) के संबंध में लंबे समय से चर्चा कर रही है। इसमें देश के इस्पात उद्योग की हजारों नौकरियां शामिल हैं।स्काई न्यूज की खबर के मुताबिक, दोनों पक्ष अब एक समझौते पर सहमत होने के करीब हैं, जो पोर्ट टालबोट स्टीलवर्क्स के भविष्य के लिए लाखों लोगों को प्रतिबद्ध करेगा।
भारतीय इस्पात कंपनी के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा,’टाटा स्टील ब्रिटेन में इस्पात उत्पादन को जारी रखने और उसे कार्बन मुक्त करने की रूपरेखा पर ब्रिटेन सरकार के साथ लगातार चर्चा कर रही है।’
उन्होंने कहा, हमारे ब्रिटेन के व्यवसाय की वित्तीय रूप से विवश स्थिति में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव केवल सरकारी निवेश और समर्थन के साथ संभव है, जैसा कि यूरोप के अन्य इस्पात बनाने वाले देशों में भी देखा गया है, जहां सरकारें कार्बन-मुक्त पहल में कंपनियों का सक्रिय रूप से समर्थन कर रही हैं।
ब्रिटेन के मीडिया की खबरों के मुताबिक, मसौदा योजना को अंतिम रूप दिया जाना है जिसमें ब्रिटेन सरकार करीब 500 मिलियन पाउंड का वित्तपोषण करने और टाटा समूह द्वारा 700 मिलियन पाउंड पूंजीगत व्यय पर सहमति जताना शामिल है। एबेरवॉन के सांसद और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता स्टीफन किनॉक ने जोर देकर कहा कि यूनियनों को पूरी तरह से शामिल होना चाहिए और कार्यबल को योजना का समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘इस्पात एक रणनीतिक उद्योग है जो हमारी पूरी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाता है। यह हजारों उच्च कुशल नौकरियां प्रदान करता है, यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे इस्पात उद्योग में निवेश करने में विफलता झूठी अर्थव्यवस्था की परिभाषा होगी।’ इस बीच, यूनियनों ने उन रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की है, जिनमें कहा गया है कि टाटा के स्वामित्व वाले पोर्ट टालबोट स्टीलवर्क्स में कुछ हजार नौकरियों के नुकसान की आशंका है, जिसमें लगभग 4,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।