कम प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को ज्यादा कर्ज देंगे बैंक, राज्य सरकार और रिजर्व बैंक में बनी सहमति
गर्म होती धरती और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए यूपी के बैंकों में ग्रीन फाइनेंस पर खास फोकस किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश सरकार ने पर्यावरण को शून्य या न्यूनतम नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों और उद्योगों को प्राथमिकता पर ग्रीन लोन देने के निर्देश जारी किए हैं। ग्रीन लोन के ब्याज पर सब्सिडी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और सभी बैंक संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। नाबार्ड इस साल के अंत तक करीब पांच हजार करोड़ का ग्रीन बॉन्ड लाने की तैयारी कर रहा है। इसका इस्तेमाल भी ग्रीन फाइनेंस में किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में ईको फ्रेंडली उद्योगों और उत्पादों पर ग्रीन लोन देने में अब बैंक उदारता दिखाएंगे। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मददगार उत्पादों और उद्योगों को बढ़ावा देना इसका मकसद है। ग्रीन फाइनेंस के लोन शीर्ष प्राथमिकता पर जारी करने को लेकर शासन और आरबीआई में सहमति बनी है। नाबार्ड ने भी सभी बैंकों से आह्वान किया है कि ग्रीन फाइनेंस के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर ऊर्जा, पनबिजली, पवन चक्की, बायोगैस प्लांट और आर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोन बांटें जाएं।