चीन बिगाड़ रहा था टाटा जैसी कंपनियों का यह कारोबार, मोदी सरकार ने लिया एक्शन
चीन से तनातनी के बीच भारत सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर ड्रैगन को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, वाणिज्य मंत्रालय की शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने चीन से व्हील लोडर के आयात पर पांच साल के लिए 82 प्रतिशत तक एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है।
इसका मतलब ये हुआ कि जो भी चीन से जो भी व्हील लोडर भारत में आएगा उस पर 82 प्रतिशत तक एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगेगा। इसका मकसद चीन के आयात को काबू में लाना है।
एक साल से चल रही थी जांच: DGTR ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि घरेलू कंपनियों को संरक्षण देने के लिए यह सिफारिश की गई है। इस उत्पाद के घरेलू विनिर्माताओं की शिकायतों के आधार पर DGTR ने एक साल तक चली जांच के बाद यह सिफारिश की है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा नोटिफाई होने पर चीन से 7,000 किलोग्राम से कम क्षमता वाले व्हील लोडर के आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाया जाएगा। इसके अलावा सेमी-नॉक-डाउन किट के आयात पर भी शुल्क लगाया जाएगा। बता दें कि व्हील लोडर का इस्तेमाल इंफ्रा और माइनिंग क्षेत्रों में किया जाता है।
टाटा जैसी कंपनियां थीं परेशान: घरेलू स्तर पर व्हील लोडर बनाने वाली कंपनियों में टाटा ग्रुप की ज्वाइंट वेंचर टाटा हिताची भी शामिल है। टाटा ग्रुप के टाटा मोटर्स लिमिटेड की 40% हिस्सेदारी है। वहीं, हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड 60% हिस्सेदारी के साथ ज्वाइंट वेंचर में शामिल है। वहीं, एलएंडटी कंस्ट्रक्शन एंड माइनिंग मशीनरी, ईम्को एलेकॉन (इंडिया) और बीईएमएल लिमिटेड भी व्हील लोडर के अन्य घरेलू निर्माता हैं।