इस्राइल ने बनाई एक नई सुरक्षा एजेंसी ‘निली’, हमास के ‘नुखवा’ को मारने का दिया टास्क
हमास के आतंकियों की ओर से इस्राइल पर किए गए हमले में दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसी के तौर पर जानी जाने वाली मोसाद और शिन बेट पर तमाम तरह के सवालिया निशान लगने लगे। माना यही जाने लगा कि इन खुफिया एजेंसियों की नाकामी के चलते ही हमास के आतंकियों ने यह सबसे बड़ा हमला कर दिया। फिलहाल अपने ऊपर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले के बाद इजरायल ने हमास के आतंकियों को खत्म करने के लिए एक नई एजेंसी “निली” का गठन कर दिया है। इसी हफ्ते हुए इस नई सुरक्षा एजेंसी के गठन के बाद इसके सदस्यों को जो टारगेट दिया गया है वह इस्राइल पर हमला करने वाले प्रत्येक हमास के आतंकी नुखवा ( हमास के सैनिक कमांडो,।जो आतंकी हमले में शामिल थे) को खत्म करने का है। सुरक्षा मामलों से जुड़े जानकारों का मानना है कि यह एजेंसी सबसे बड़ी ताकत के साथ अपने टारगेट को भेदने की तैयारी में लग गई है।
जानकारी के मुताबिक इजरायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने निली नाम की एक एजेंसी का गठन किया है। यह एजेंसी इसराइल डिफेंस फोर्स समेत तमाम अन्य खुफिया एजेंसी और फील्ड शोल्जरों की चुनिंदा टीम के साथ तैयार की गई है। जानकारों का कहना है कि इस एजेंसी का लक्ष्य सबसे कठिन बनाया गया है। रक्षा मामलों के जानकार ब्रिगेडियर देवेंद्र साहा कहते हैं कि अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक यह एजेंसी हमास के नुखवा को टारगेट करने के लिए तैयार की गई है। उनका कहना है कि आतंकी संगठन हमास के सैन्य कमांडो, जो की दो सप्ताह पहले इस्राइल के हिस्से में घुसे और फिर आतंक बरपाया था, वही लोग हैं। इन सभी लोगों की पहचान कर एक-एक व्यक्ति को करने का सबसे कठिन टास्क शिन बेट ने निली को दिया है।
जानकारी के मुताबिक निली के पास प्रत्येक आतंकी का डाटा पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि जो टास्क निली को दिया गया है उससे पहले इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने इसके लिए न सिर्फ महत्वपूर्ण एक्सरसाइज की है बल्कि एक “स्पेसिफिक टास्क” तैयार करके बड़े ऑपरेशन को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। रक्षा मामलों के जानकार और विशेषज्ञों का कहना है कि इस्राइल ने इस तरह की यह पहली एजेंसी तैयार की है जो एक तरह से क्विक रिस्पांस टीम के तौर काम करने वाली है। जिसका सिर्फ एक ही टारगेट है और वह है हमास के मुखवा के प्रत्येक आतंकी को मौत के घाट उतारना। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्राइल को यह नई सुरक्षा एजेंसी सिर्फ इसलिए बनानी पड़ी ताकि वह अपने दुश्मन के लक्ष्य तक निर्बाध रूप से पहुंच सके।
दरअसल हमास के आतंकियों ने जिस तरीके से दो सप्ताह पहले इसराइल के शहरों और गांव में घुसकर नरसंहार किया था उसका बदला लेने के लिए इस्राइल ने एक साथ कई योजनाओं पर काम करना शुरू किया है। रक्षा मामलों के जानकार ब्रिगेडियर साहा कहते हैं कि जिस तरीके से इस्राइल डिफेंस फोर्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की ओर से गाजा पर ताबड़ तोड़ हमले किए जा रहे हैं उसको लेकर अब विश्व व्यापी शांति की अपील भी होने लगी है। ऐसे में संभावना इस बात की भी बन रही है कि बड़े हमलो को रोकने के लिए देर सबेर इस्राइल पर दुनिया के अलग-अलग देश का दबाव भी पड़ेगा। ऐसे में इस्राइल के दुश्मन उसकी पहुंचे और पकड़ से दूर ना हो उसको देखते हुए ही निली का गठन किया गया है। इस सुरक्षा एजेंसी के प्रत्येक कमांडो को जो टास्क दिया गया है वह बहुत “स्पेसिफिक” है। इसलिए इस समय हो रहे हमलों जैसी तस्वीर निली के अटैक में बिल्कुल नहीं दिखने वाली।
बताया यही जा रहा है कि इजरायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने जिस तरह से इसके कमांडो और सुरक्षा अधिकारियों को टारगेट दिया है वह अब तक का सबसे कठिन और अलग टारगेट माना जा रहा है। भारत की खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि क्योंकि हमास के आतंकियों की संख्या इतनी ज्यादा है और उनको एक-एक कर टारगेट के साथ मारना निश्चित तौर पर बड़े लक्ष्य जैसा ही है। हालांकि वह कहते हैं कि इसके लिए इसराइल ने निश्चित तौर पर काफी होमवर्क भी किया होगा। तभी एक “स्पेसिफिक एजेंसी” का गठन किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस एजेंसी में कई अलग-अलग यूनिट तो बनाई जाएंगी। लेकिन प्रत्येक यूनिट का टास्क सिर्फ एक-एक हमास के आतंकी को मारना ही होगा। भले ही इसके लिए एजेंसी को वक्त क्यों ना ज्यादा लगाना पड़े। इस्राइल डिफेंस फोर्स समेत मोसाद और अन्य तमाम एजेंसियों की ओर से तैयार की गई गाइडलाइंस और “निली” को दिए गए लक्ष्य अपने में सबसे चुनौतीपूर्ण बताए जा रहे हैं।