‘जेलों में खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, यह कैदियों के अधिकारों का उल्लंघन’, दिल्ली HC ने दिए अहम निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जेलों में स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल है और यह कैदियों के अधिकारों का उल्लंघन है। कैदियों को समय पर स्वास्थ्य देखभाल मिलना उनका अधिकार है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि जेलों में पर्याप्त मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वह एक कमेटी का गठन करें।
कोर्ट ने कमेटी गठित करने का दिया निर्देश
कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव के अलावा डायरेक्टर जनरल (जेल), दिल्ली जेलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, साथ ही मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा नामित जेलों का दौरा करने वाले दो वरिष्ठ जज, डीएसएलएसए के सचिव और दो वकील शामिल होने चाहिए। यह कमेटी गठन के एक महीने के भीतर जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देगी, ताकि सभी कैदियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
कमेटी देगी सुधार के लिए सुझाव
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने कहा कि यह कमेटी कोर्ट को बताएगी कि जेल के अस्पतालों में आपात स्थिति दिल का दौरा पड़ने या हैम्रेज की स्थिति से निपटने के लिए क्या-क्या स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इन बीमारियों में जान बचाने के लिए शुरुआत कुछ मिनट बेहद अहम होते हैं। बता दें कि दिल्ली के बिजनेसमैन अमनदीप सिंह ढल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत की जानकारी दी है। याचिकाकर्ता ने जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की मांग की है।