‘प्रलय के बाद यहूदियों से पहली बार इतनी बर्बरता’; इस्राइली PM की पत्नी ने पोप को लिखा पत्र
पश्चिम एशिया में जारी हिंसक संघर्ष के कारण हालात काफी दयनीय हैं। इस्राइल और हमास के बीच ढाई महीने से अधिक समय से जारी युद्ध के कारण 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस अभूतपूर्व मानवीय संकट से चिंतित इस्राइली प्रधानमंत्री की पत्नी सारा नेतन्याहू ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिखा है। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लिखे पत्र में सारा ने पोप से हमास के कब्जे में फंसे बंधकों को रिहा कराने की अपील की। उन्होंने दावा किया, हमास ने अभी भी 129 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बंधक बना रखा है।
यहूदियों से पहली बार इतना बर्बर बर्ताव
बता दें कि इस्राइली सेना (IDF) आतंकी संगठन- हमास के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। नेतन्याहू की पत्नी ने गाजा में बंधक बनाए गए मासूम नागरिकों की बिना शर्त रिहाई के मामले में पोप फ्रांसिस से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रलय के बाद यहूदियों से पहली बार इतनी बर्बरता हुई है। इसके खिलाफ वैश्विक समुदाय को एकजुट होने की जरूरत है।
78 दिन बाद भी 129 बंधकों की रिहाई नहीं
उन्होंने पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर की गई बर्बरता का उल्लेख करते हुए कहा कि हमास ने अकारण हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों का नरसंहार हुआ है। पीएम नेतन्याहू की पत्नी सारा ने कहा कि हमले को 78 दिन बीत चुके हैं और 129 बंधकों को अभी भी रिहा नहीं किया गया है। कई बंधक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम हैंडल पर 24 दिसंबर को लिखे पत्र की प्रति भी साझा की।
ब्रेन कैंसर पीड़ित मां की बेटी भी बंधक
सारा ने कहा कि बंधकों में कई घायल और बीमार हैं। बंधक भूख से पीड़ित हैं। कुछ जरूरतमंदों लोग बुनियादी दवाओं से वंचित हैं। 65 वर्षीय सारा ने 25 साल की नोआ अरगामनी नाम की युवती (बंधक) का उल्लेख करते हुए सारा ने बताया कि सात अक्तूबर के आतंकी हमलों के दौरान इनका अपहरण किया गया था। सारा ने दावा किया कि नोआ की मां स्टेज चार के ब्रेन कैंसर से जूझ रही हैं।
गाजा के बंधकों की मदद के लिए पोप अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें
प्रधानमंत्री की पत्नी ने पोप से कहा, गंभीर मानवीय संकट को देखते हुए वह व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध कर रही हैं। सारा ने कहा, ‘कृपया अपने प्रभाव का उपयोग करके बिना किसी देरी के सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग करें।’ उन्होंने रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति की मदद से गाजा में रखे गए सभी बंधकों से मुलाकात और उनकी चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए सामग्री आपूर्ति का आह्वान भी किया।