‘भारत-रूस के रिश्ते हमेशा मजबूत रहेंगे’, विदेश मंत्री जयशंकर ने मॉस्को में दिया बड़ा बयान
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के पांच दिवसीय दौरे पर है। रूस के विदेश मंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात से पहले एस जयशंकर ने रूस में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भूराजनीति और रणनीतिक रूप से एक दूसरे पर निर्भरता की वजह से भारत और रूस के संबंध हमेशा मजबूत बने रहेंगे। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा कि वह रूसी नेताओं के साथ दोनों देशों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, क्षेत्रीय संघर्ष आदि मुद्दों पर बात होगी।
यूक्रेन युद्ध के दौरान भी रूस की आलोचना से भारत ने किया परहेज
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनियाभर में रूस के इस कदम की आलोचना हुई लेकिन भारत ने भारी दबाव के बावजूद अपने पुराने मित्र देश की आलोचना नहीं की। हालांकि भारत ने साफ किया कि वह युद्ध के खिलाफ है लेकिन खुले तौर पर रूस की आलोचना करने से भारतीय नेतृत्व ने परहेज किया और कहा कि कूटनीति और बातचीत से विवाद का हल होना चाहिए। यूक्रेन से युद्ध के बाद भारत ने रूस के बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात किया है। रूस में जयशंकर रूसी उप प्रधानमंत्री और उद्योग और व्यापार मंत्री से मुलाकात करेंगे। साथ ही जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और लोगों के लोगों से संबंध मजबूत करने पर फोकस किया जा रहा है। विदेश मंत्री व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों पर भी बात करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर 25-29 दिसंबर तक रूस के दौरे पर रहेंगे।
इस साल भी नहीं हुआ शिखर सम्मेलन
विदेश मंत्री के दौरे से दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखने की कोशिश की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ इस साल भी भारत और रूस के बीच शिखर सम्मेलन नहीं होगा। दोनों देशों के बीच आखिरी शिखर सम्मेलन छह दिसंबर 2021 को हुआ था। उस शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे। इसके बाद कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के चलते दोनों देशों के बीच शिखर सम्मेलन नहीं हो सका। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार सितंबर 2019 को रूस का दौरा किया था।