‘मानव तस्करी के शक में रोके गए विमान के कुछ यात्री लौटना ही नहीं चाहते थे’, वकील का दावा; बताई यह वजह
मानव तस्करी की आशंका के आधार पर लीजेंड एयरलाइंस का विमान फ्रांस में चार दिन रोका गया था। 276 यात्रियों के साथ विमान मंगलवार को मुंबई पहुंचा था। इस मामले में लीजेंड एयरलाइंस के वकील ने कहा, निकारागुआ के लिए भुगतान करने वाले यात्री, वापस नहीं लौटना चाहते थे। विमानन कंपनी के वकील ने कहा, मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से मदद की अपील के बावजूद उन्हें निराशा हाथ लगी। संकट के समय केवल भारत ही मदद करने को तैयार हुआ।
मंगलवार तड़के मुंबई पहुंचे इस विमान को ‘डंकी’ फ्लाइट भी कहा जा रहा है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बाकायोको ने बताया, कुछ यात्री भारत नहीं लौटना चाहते थे क्योंकि ये लोग पर्यटकों के रूप में निकारागुआ जाने के लिए भुगतान कर चुके थे। 22 दिसंबर को UAE से रवाना हुई फ्लाइट के संचालकों ने ‘मानव तस्करी’ जैसे आपराधिक कृत्य में शामिल होने से इनकार किया है। कंपनी ने कहा कि कुछ यात्रियों के पास वापसी के टिकट और होटल में आरक्षण के प्रमाण भी थे।
भारत के इन राज्यों से गए थे यात्री, 25 ने फ्रांस में शरण मांगी
एयरलाइंस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, कुल 303 यात्री डंकी फ्लाइट में सवार थे। विमान फ्रांस में रोके जाने के बाद दो नाबालिगों सहित 25 लोगों ने फ्रांस में शरण (asylum) मांगी। फ्रांसीसी अधिकारियों ने कथित अवैध आप्रवासन के आरोप में दो लोगों को पकड़ लिया। 25 लोगों को पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे के एक विशेष क्षेत्र में भेज दिया गया। भारत लौटने वाले 276 लोगों में से लगभग दो-तिहाई पंजाब से हैं। 25 फीसदी यात्री गुजरात से, जबकि बाकी अलग-अलग राज्यों से निकारागुआ जा रहे थे।
विमान UAE या निकारागुआ को छोड़ भारत ही क्यों लौटा?
विमानन कंपनी लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको के बयान से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक, निकारागुआ के अधिकारियों ने यात्रियों को अनुमति नहीं दी। यूएई ने भी मदद से इनकार कर दिया। वकील ने कहा, फ्रांस में विमान रोके जाने के बाद फंसे यात्रियों को लंबे समय तक नहीं फंसे रहने देने की पहल करने वाला एकमात्र देश भारत था। भारत ने त्वरित कार्रवाई करने की इच्छा जाहिर की।
वकील ने बताया कि बताया कि एक गैर-यूरोपीय कंपनी ने फ्लाइट बुक की थी। किस देश की कंपनी है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, इस बात का खुलासा नहीं करेंगे कि कंपनी भारतीय है या नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिकअधिकांश यात्री पिछले दो महीनों में कार्य या पर्यटक वीजा के आधार पर दुबई पहुंचे थे। वहां से निकारागुआ जाने वाली उड़ान में सवार हुए।
यात्रियों का आयु वर्ग
कथित मानव तस्करी में मदद के आरोप में हिरासत में लिए गए यात्रियों को न्यायाधीश के सामने पेशी के बाद रिहा कर दिया गया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 150 यात्रियों की आयु 20 साल के आस-पास थी। लगभग 70 यात्री 30 वर्ष के थे। बाकी लगभग 80 यात्रियों अलग-अलग आयुवर्ग के थे। निकारागुआ जाने के दौरान विमान ईंधन भरने के लिए फ्रांस के वैट्री हवाई अड्डे पर रुका। पुलिस ने अज्ञात टीपी के आधार पर विमान को रोक दिया।