20 फीसदी बढ़ा शिक्षा कर्ज, अप्रैल-अक्तूबर में पढ़ने के लिए भारतीयों ने लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का लोन
शिक्षा कर्ज चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्तूबर अवधि में सालाना आधार पर 20.6 फीसदी बढ़कर 1,10,715 करोड़ रुपये के पांच साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले की समान अवधि में भारतीयों ने 96,853 करोड़ के शिक्षा कर्ज लिए थे। शिक्षा कर्ज में वृद्धि की रफ्तार 2022-23 में 12.3 फीसदी रही थी, जबकि 2021-22 में इसमें 3.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
विदेशी शिक्षा कर्ज की 65 फीसदी हिस्सेदारी
एसबीआई के वरिष्ठ अर्थशास्त्री बिबेकानंद पांडा ने कहा, एक साल में जितने शिक्षा कर्ज बांटे गए, उनमें विदेश जाकर पढ़ने की खातिर लिए गए कर्ज का हिस्सा 65 फीसदी रहा। इसका औसत आकार 40-60 लाख रुपये रहा।
मांग बढ़ने की वजह
पांडा ने कहा, भारत के साथ विदेश में ऑफलाइन कैंपस कोर्स की मांग में सुधार से शिक्षा कर्ज की मांग बढ़ी है। n परेशानी मुक्त आवेदन और कर्ज वितरण प्रक्रिया ने शिक्षा कर्ज क्षेत्र की रफ्तार बढ़ाई है। n गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी इस क्षेत्र में काफी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
अमेरिकी दूतावास ने बांटे रिकॉर्ड 1.40 लाख छात्र वीजा
यूनियन बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, अमेरिका जाकर पढ़ने के लिए शिक्षा कर्ज की मांग उच्च स्तर पर है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने अक्तूबर, 2022 से सितंबर, 2023 के बीच रिकॉर्ड 1.40 लाख छात्र वीजा जारी किए।