4.56 किमी. लंबा, 6 लेन रोड, गंगा नदी पर बनने जा रहा 7वां बड़ा पुल
गंगा नदी पर 4.56 किलोमीटर लंबा पुल बनने का रास्ता साफ हो गया है. मोदी सरकार ने इस अहम प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गंगा नदी पर 4.56 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण को मंजूरी दी,6 लेन वाला यह पुल बिहार में दीघा और सोनपुर को जोड़ेगा. आधिकारिक बयान के अनुसार, परियोजना की कुल लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है. इसमें 2,233.81 करोड़ रुपये की निर्माण लागत शामिल है.
बयान में कहा गया है कि पुल से यातायात तेज और आसान हो जाएगा. इससे राज्य, खासकर उत्तर बिहार के विकास को गति मिलेगी. आधिकारिक बयान के अनुसार, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने आज गंगा नदी पर नये 4,556 मीटर लंबे पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी. यह पुल 6 लेन का होगा. यह मौजूदा दीघा-सोनपुर रेल-सह सड़क पुल के समानांतर होगा.”
बड़ी आबादी को मिलेगा लाभ
यह पुल पटना में गंगा नदी पर बनने वाला 7वां पुल होगा और बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करेगा. दीघा, पटना और गंगा नदी के दक्षिणी तट और सोनपुर सारण जिले में गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है. वर्तमान में ये केवल हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए रेल सह सड़क पुल से जुड़े हुए हैं. ऐसे में वर्तमान सड़क का उपयोग माल और वस्तुओं के परिवहन के लिए नहीं किया जा सकता है. यह वस्तुओं की तेज आवाजाही के रास्ते में एक बड़ी बाधा है.
हाईटेक तकनीकों से होगा लैस
बयान के अनुसार, दीघा और सोनपुर के बीच नये पुल से बाधा दूर होगी. पुल बन जाने के बाद माल और वस्तुओं का परिवहन किया जा सकेगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक क्षमता सही तरीके से उपयोग हो सकेगा. निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 5डी-बिल्डिंग सूचना मॉडलिंग (बीआईएम), ‘ब्रिज हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम’ (बीएचएमएस), मासिक ड्रोन मैपिंग जैसी नवीनतम तकनीक के उपयोग के साथ ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मॉडल पर परियोजना का क्रियान्वयन और परिचालन किया जाना है.
परियोजना को आवंटन तारीख से 42 महीनों में पूरा किया जाना है. बयान के अनुसार, ”यह पुल पटना से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 के माध्यम से औरंगाबाद और सोनपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम गलियारा पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-27), बेतिया (राष्ट्रीय राजमार्ग-727) स्वर्णिम चतुर्भुज गलियारे तक सीधी संपर्क सुविधा प्रदान करेगा.” इसमें कहा गया है कि यह परियोजना बुद्ध सर्किट का एक हिस्सा है.