दिल्ली में बना सेंटर फॉर वन हेल्थ, इन्सान-जानवर और पर्यावरण तीनों के स्वास्थ्य की एक साथ होगी निगरानी
दिल्ली में बना सेंटर फॉर वन हेल्थ इन्सान, जानवर और पर्यावरण सभी के स्वास्थ्य की एक साथ निगरानी करेगा। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के परिसर में इसका मुख्यालय बना है जो देश के प्रत्येक गांव से लेकर ब्लॉक और जिले तक निगरानी रखेगा। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच), यूएन एनवायरमेंट और अमेरिका के एफडीए विभाग से संपर्क में रहेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित कई नई तकनीकों से लैस यह सेंटर किसी भी संदिग्ध वायरस या व्यक्ति मिलने पर महज एक दिन में अलर्ट जारी कर सकेगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी गांव या शहर में कोई खास तरह के संक्रमण या अलग लक्षण वाला कोई व्यक्ति या पशु मिलता है तो उसके बारे में जिला प्रशासन से केंद्र तक को सूचना मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पूरे माइक्रो प्लान को साझा किया है, जिसमें बताया गया कि सरकार ने वन्य विभाग, राज्य स्वास्थ्य विभाग और राज्य पशुचिकित्सा विभाग तीनों को साथ में रखते हुए गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर पांच तरह का निगरानी तंत्र विकसित किया है। दुनिया के बाकी देशों की तुलना में यह योजना सबसे बड़ी और अलग है, जिसमें देश के दो लाख से ज्यादा गांव और 700 से ज्यादा जिले शामिल हैं।
चार से पांच राज्यों को मिलाकर बनाया जाएगा एक क्षेत्रीय केंद्र
सरकार ने गांव, ब्लॉक, जिला और राज्य के अलावा क्षेत्रीय स्तर पर भी वन हेल्थ केंद्र बनाया है। चार से पांच राज्य को मिलाकर एक क्षेत्रीय केंद्र होगा जो सीधे दिल्ली स्थित सेंटर फॉर वन हेल्थ के साथ संपर्क में रहेगा। सभी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम, संसाधन और कर्मचारियों की नियुक्ति के फैसले लिए जा सकेंगे।
रेबीज, सर्पदंश, जीवाणु रोग पर अध्ययन भी शुरू
सेंटर फॉर वन हेल्थ ने सबसे पहले रेबीज, सर्पदंश और जीवाणु रोग पर अध्ययन शुरू किया है। साल 2030 तक 100 फीसदी मृत्युदर वाले रेबीज से मुक्ति का लक्ष्य तय किया है। वहीं, सर्पदंश को लेकर सभी राज्य के मुख्य अस्पतालों को एक नेटवर्क से जोड़ा है।
महामारी, संक्रमण रोकने में मदद
डॉ. सिम्मी तिवारी संयुक्त निदेशक एवं प्रमुख, सेंटर फॉर वन हेल्थ का कहना है कि कोरोना महामारी में पूरी दुनिया ने पशु, इन्सान, पर्यावरण सभी के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत को समझा है। जी-20 में पीएम मोदी ने वन हेल्थ के महत्व को सभी देशों के सामने भी रखा, जिस पर भारत बहुत कम समय में काफी तेजी से आगे बढ़ा है। यह सेंटर भविष्य की महामारियों, संक्रमण के प्रसार को रोकने का काम करेगा।