‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण…’, बांग्लादेश चुनाव पर क्या बोले विदेशी पर्यवेक्षक
बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना प्रधानमंत्री बनने जा रहीं हैं। एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं। उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा। रविवार को हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी आवामी लीग ने 300 में से दो-तिहाई सीटें जीत ली हैं। हालांकि, इस चुनाव के नतीजों पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन अमेरिका, कनाडा, रूस, इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब संसद सहित विदेशी पर्यवेक्षकों ने आम चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बताया है। पर्यवेक्षकों ने बांग्लादेश में रविवार को हुए चुनाव प्रक्रिया की प्रशंसा की। एक ने कहा कि जिस कार्यवाहक सरकार प्रणाली को लेकर विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनावों का बहिष्कार किया था, वह अलोकतांत्रिक थी।
निष्पक्ष और स्वतंत्र प्रक्रिया रही
ऑस्ट्रेलिया के एक पर्यवेक्षक शाओक्वेट मोसेलमाने ने कहा, ‘यह लोगों के लिए एक बहुत ही निष्पक्ष और स्वतंत्र प्रक्रिया रही है।’ वहीं, पूर्व अमेरिकी सांसद जिम बेट्स का कहना है कि उन्होंने पाया कि चुनाव बहुत शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए।
इतने फीसदी हुआ मतदान
मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने 300 सदस्यीय संसद में 223 सीटें जीती हैं। रविवार को हुए चुनाव में दोपहर तीन बजे तक 27.15 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन शाम चार बजे मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने अनुमान लगाया है कि अंतिम आंकड़ा करीब 40 प्रतिशत हो सकता है, जो एक घंटे में 13 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने विपक्ष के बहिष्कार के बीच चुनावों का निरीक्षण करने के लिए भारत समेत कई बहुपक्षीय संगठनों से बड़ी संख्या में विदेशी पर्यवेक्षकों को आमंत्रित किया था। पर्यवेक्षकों ने ढाका और आसपास के जिलों के साथ-साथ आसपास के विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा किया। इतना ही नहीं, इनमें से कुछ ने तो सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने से पहले मतदान केंद्रों का दौरा भी किया था।
ये रहे पर्यवेक्षक
रूस के चुनाव आयोग से एंड्री वाई शुतोव
फलस्तीन के केंद्रीय चुनाव आयोग के सीईओ हिशाम कुहैल
गाम्बिया उच्चायोग के मोहम्मदौ मूसा नजी
स्कॉटिश सांसद मार्टिन डे
ओआईसी की चुनाव इकाई के प्रमुख शाकिर महमूद बंदर
अरब संसद के सदस्य अब्दिहकीम मोलियाम
दक्षिण एशिया डेमोक्रेटिक फोरम के कार्यकारी निदेशक पाउलो कासाका
कनाडा की संसद के सदस्य विक्टर ओएच और चंद्रकांत आर्य
अपने अनुभव साझा किए
पर्यवेक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। किसी भी अनियमितता के बारे में कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में मतदान का समय सबसे कम होता है। यहां वोट डालने के लिए सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक का समय था। जबकि कई देशों में रात नौ बजे तक का समय होता है। वहीं, कैलिफोर्निया में मतदान चुनाव से एक महीने पहले शुरू हो जाता है।
कार्यवाहक सरकार प्रणाली लोकतंत्र विरोधी
दक्षिण एशिया डेमोक्रेटिक फोरम के कार्यकारी निदेशक पाउलो कासाका ने कहा कि बांग्लादेश में चुनावी प्रक्रिया बहुत अच्छी और शानदार रही। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश लोकतंत्र की प्रक्रिया को किसी भी अन्य देश की तुलना में बहुत आगे ले जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यवाहक सरकार प्रणाली केवल पाकिस्तान में मौजूद है। बांग्लादेश में भी इसका इस्तेमाल किया गया। लेकिन मूल रूप से यह लोकतंत्र विरोधी है। बता दें, पाउलो कासाका संसद के पूर्व पुर्तगाली सदस्य और यूरोपीय संसद के सदस्य हैं।
कासाका ने कहा कि निश्चित तौर पर लोकतंत्र एक विकल्प है। बेशक, यह ध्रुवीकरण है, लेकिन यह सहन न करने वाला ध्रुवीकरण नहीं हो सकता है। मतदाताओं के कम मतदान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘लेकिन विकल्प क्या है? यह एक तख्तापलट है। क्या यह एक अच्छी बात है? क्या तानाशाह और तख्तापलट कम मतदान का सबसे अच्छा विकल्प है?’
10 मतदान केंद्रों का दौरा
अमेरिकन ग्लोबल स्ट्रैटेजीज के सीईओ अलेक्जेंडर बी ग्रे ने 10 मतदान केंद्रों का दौरा करने के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘मैंने अपनी आंखों से देखा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष था। सभी लोगों में एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिला।’ उन्होंने आगे कहा कि एक भी मतदाता या किसी ने भी उनसे कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव लोकतांत्रिक जवाबदेही और पेशेवर रवैये के उच्चतम मानकों पर खरा उतरा और मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं कि चुनाव आयोग ने पेशेवर और ईमानदारी के साथ काम किया है।’