सिर्फ वजन बढ़ना ही नहीं, थायरॉइड विकारों के कारण हो सकती हैं और भी कई समस्याएं
पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि डायबिटीज, हार्ट की बीमारियों के साथ थायरॉइड की समस्या भी तेजी से बढ़ी है। थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली समस्याओं कारण आपको कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं। थायरॉइड विकारों की समस्या किसी को भी हो सकती है, यहां तक कि शिशुओं में भी इस विकार का खतरा देखा जाता रहा है। इसलिए इन विकारों के बारे में जानना और समय पर इनका उपचार किया जाना जरूरी हो जाता है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ती थायरॉइड की समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव को लेकर लोगों को अलर्ट करने के उद्देश्य से साल के पहले महीने- जनवरी को ‘थायरॉइड अवेयरनेस मंथ’ के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर वजन बढ़ने या मोटापे को थायरॉइड की समस्या मान लिया जाता है पर इसके अलावा भी कई अन्य लक्षणों पर ध्यान देना और बचाव के उपाय करना बहुत आवश्यक हो जाता है।
क्या है थायरॉइड विकार?
थायरॉइड के लक्षणों के बारे में जानने से पहले इस विकार के बारे में समझना जरूरी है। थायरॉइड ग्रंथि एक छोटा सा अंग होता है जो गर्दन के सामने स्थित होता है, ये श्वासनली (ट्रेकिआ) के चारों ओर लिपटा जैसा होता है। अन्य ग्रंथियों की ही तरह से थायरॉइड ग्रंथि भी हार्मोन्स रिलीज करती हैं, जो आपके शरीर को विशिष्ट कार्य करने में मदद करती हैं।
जब थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है, तो इससे पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है। यदि आपका शरीर बहुत अधिक थायरॉइड हार्मोन बनाता है, तो इसके कारण हाइपरथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है वहीं कम थायरॉइड हार्मोन बनता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों स्थितियां गंभीर हैं।
थायरॉइड में वजन बढ़ने की समस्या
थायरॉइड की स्थिति को अक्सर मोटापे से जोड़कर देखा जाता रहा है, पर वजन बढ़ने की समस्या सिर्फ हाइपोथायरायडिज्म में होती है। शरीर जब थायरॉइड हार्मोन कम बनाता है तो इसके कारण मेटाबॉलिक रेट में भी समस्या आने लगती है। इसके कारण बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। पर इसका उल्टा अगर किसी को हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत है तो इसके कारण आपका वजन बहुत कम हो सकता है।
थायरॉइड के इन लक्षणों को भी जानिए
हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं जिनपर ध्यान देते रहना आवश्यक होता है।
- अतिसक्रिय थायरॉइड (हाइपरथायरायडिज्म) की स्थिति में इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
- चिंता, चिड़चिड़ापन और घबराहट का अनुभव होना।
- सोने में परेशानी होना।
- वजन घटना, मांसपेशियों की कमी।
- मांसपेशियों में कमजोरी और कंपन होना।
- अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म चक्र रुक जाना।
- गर्मी के प्रति संवेदनशील महसूस होना।
- दृष्टि संबंधी समस्याएं या आंखों में जलन होना।
- निष्क्रिय थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के लक्षण
- थकावट-कमजोरी महसूस होना।
- वजन बढ़ने की समस्या।
- बार-बार चीजों को भूलने की समस्या।
- भारी मासिक धर्म होना।
- बालों में रूखापन बढ़ना।
- कर्कश आवाज और ठंड के प्रति असहिष्णुता बढ़ना।
दवाओं से मिल सकता है लाभ
डॉक्टर कहते हैं, थायरॉइड विकारों का इलाज किया जा सकता है। समय पर सही उपचार मिल जाने से शारीरिक समस्याओं को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। थायरॉइड हार्मोन के स्तर को सामान्य पर वापस लाने में दवाइयों से मदद मिल सकती है। इसलिए जरूर है कि समय पर लक्षणों का सही निदान हो और उपचार मिले।