1.98 लाख करोड़ से अधिक की कर चोरी में 140 गिरफ्तार, वित्त मंत्रालय ने कह- एक साल में 6323 मामले सामने आए
सरकार की सख्ती से पिछले साल 1.98 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। टैक्स चोरी में शामिल 140 सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया, जो सरकारी खजाने को चपत लगा रहे थे। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, जीएसटी सूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने 2023 में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो, बीमा और कार्यबल से जुड़ी सेवाओं के आयात जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कर चोरी एवं स्वैच्छिक भुगतान के मामलों का पता लगाया। इस अवधि में डीजीजीआई ने 28,362 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक भुगतान के साथ 1,98,324 करोड़ रुपये के कर चोरी से जुड़े 6,323 मामलों का पता लगाया।
इससे पहले 2022 में 90,499 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी और स्वैच्छिक भुगतान के 22,459 करोड़ रुपये से जुड़े 4,273 मामले सामने आए थे। 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मंत्रालय ने कहा, डीजीजीआई की ओर से पकड़ी गई जीएसटी चोरी सालाना आधार पर 119 फीसदी अधिक है। स्वेच्छा से भुगतान मामले भी 26 फीसदी बढ़ गए।
21,078 करोड़ की आईटीसी चोरी
बयान के अनुसार, फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के मामलों को पकड़ने के लिए डीजीजीआई ने विशेष अभियान चलाया। इस कारण 21,078 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी के 2,335 मामले पकड़े गए। इसमें स्वैच्छिक भुगतान 2,642 करोड़ रुपये था। फर्जी बिल को लेकर 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 2022 में 14,471 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी के 1,646 मामले पकड़े गए थे। स्वैच्छिक भुगतान 1,604 करोड़ रुपये था और 82 सरगनाओं को गिरफ्तार किया था।
एलआईसी को 3,529 करोड़ का नोटिस
कर विभाग ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को करीब 3,529 करोड़ रुपये की कर मांग को लेकर दो नोटिस जारी किए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को बताया कि आयकर विभाग, मुंबई के सहायक कर आयुक्त की ओर से कंपनी को कर मांग को लेकर नोटिस मिला है। वह निर्धारित समयसीमा के भीतर संबंधित आदेशों के खिलाफ आयुक्त (अपील), मुंबई के समक्ष अपील दायर करेगी।