जानलेवा हुईं बर्फीली हवाएं, एटा में 11 दिन में 13 की मौत; डॉक्टर ने दी ऐसे लोगों को सावधान रहने की सलाह
एटा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। युवाओं को भी दिल का दौरा पड़ रहा है, तो बड़ी संख्या में मरीज चिकित्सकों के पास सीने में दर्द की शिकायत के पहुंच रहे हैं। 11 दिनों में दो बच्चों सहित 13 व्यक्तियों की मौत हुई है। यह मौत दिल का दौरा पड़ने और शरीर का तापमान कम होने के कारण हुई है। रविवार को भी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में चार व्यक्ति सीने में दर्द की शिकायत को लेकर भर्ती हुए।
मेडिकल कॉलेज के हृदय विशेषज्ञों डॉ. जितेंद्र ने सर्दियों में व्यक्ति के शरीर की नलिकाएं रक्त गाढ़ा होने से धीरे- धीरे कार्य करती है। ऐसे में हृदय पर दबाव बढ़ता है और हृदय घात का खतरा बढ़ता है। सर्दियों में व्यायाम नियमित रूप से करना चाहिए लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हृदय पर दबाव न पड़े। सर्दियों में हाई कैलोरी का आहार लेना चाहिए। लाइफ स्टाइल को सुधारना भी जरूरी है। उन्होंने बताया सीने में दर्द सहित दिल के दौरा के सर्वाधिक शिकार युवा हो रहे हैं।
डॉ. चेतन चौहान ने बताया इस बार ठंड लगातार रहने से बुजुर्ग और युवा बुखार, खांसी-जुकाम का उपचार लेने के लिए आ रहे है। बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वायरल बुखार तीन से चार दिन रहता है लेकिन खून जांच करवाना जरूरी है। बुजुर्ग ठंड में बाहर निकलने से बचे और गर्म कपड़े डालकर रखें। ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें और बासी खाना न खाएं। गर्म पानी, सूप का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। जबकि रविवार को श्रंगार नगर निवासी मुकेश, लालपुर निवासी आसमां, रारपट्टी निवासी सरोज व रेलवे रोड निवासी अतुल को सीने में दर्द की शिकायत पर भर्ती किया गया।
बच्चों में मिल रहे निमोनिया के लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एबी सिंह ने बताया कि ठंड लगातार रहने से बच्चे बीमार हो रहे है। ओपीडी में बुखार, खांसी, जुकाम रोग से संबंधित बच्चे उपचार के लिए आ रहे हैं। समय पर उपचार न लेने के कारण बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर न होने दें। अगर बच्चा ठोस आहार नहीं ले सकता है तो उसे दाल का पानी दें। बच्चे को स्तनपान न छोड़े। बच्चे को ठंड से बचाने के लिए गर्म वस्त्र पहनाकर रखें। उन्होंने बताया ओपीडी में प्रतिदिन दो से तीन बच्चे निमोनिया के लक्षण वाले पहुंच जाते हैं।
ऐसे करें बचाव
– शरीर को ठंडा होने से बचाएं और गर्म रखें।
– पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें और ठंड में रहने से बचें। टोपी, स्कार्फ, मोजे जरूर पहनें।
– खाना गरम खाएं और पानी भी गरम पिएं।
– गीले कपड़े बिल्कुल भी न पहनें।
– ठंड ज्यादा लगने पर तुरंत शरीर को गर्म करें। हल्का हाइपोथर्मिया होने पर गर्म कंबल, हीटर, गर्म पानी के बैग का इस्तेमाल शरीर को गर्म करने के लिए करें।
– अधिक पसीना बहाने वाली गतिविधि से बचें।
– जाड़ों में कई बार प्यास नहीं लगती लेकिन शरीर में पानी की कमी रहती है। इसलिए नियमित तौर पर गुनगुना या गर्म पानी पीते रहें।
– बच्चों को पूरे बाजू के ऊनी कपड़े पहनाएं।
– बच्चों को ठंडी चीज खाने के लिए न दें। दूध भी गुनगुना करके दें।
– हल्की धूप के बाद हल्का ऊनी कपड़ा पहनकर निकलें।
– जब बाहर टहलने निकलें तो जहां तक संभव हो मास्क लगा लें।
– धूल और धुआं से बचकर रहें। इससे फेफड़ों में संक्रमण की संभावना कम होगी।
– हृदय और उच्च रक्तचाप वाले मरीज विशेष सतर्क रहें।
10 से 21 जनवरी तक इन व्यक्तियों की हुई मौत
-10 जनवरी को गांव भगवंतपुर निवासी 35 वर्षीय कपिलदेव की दिल का दौरा पड़ने से मौत
-11 जनवरी को शांति नगर में दिल का दौरान पड़ने से 21 वर्षीय युवक की माैत
– 11 जनवरी को शांतिनगर निवासी 55 वर्षीय महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत
– 12 जनवरी को शहर के मोहल्ला शिवगंज निवासी 38 वर्षीय रामनिवास की दिल का दौरा पड़ने से मौत
– 13 जनवरी को गांव नगला कंचन निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग विद्यादेवी की मौत सीने में दर्द से
– 14 जनवरी को जैथरा में एक माह के बच्चे की मौत
– 14 जनवरी को गांव पृथ्वीराजपुर निवासी 30 वर्षीय राहुल की मौत
-15 जनवरी को रारपट्टी में दो माह के बच्चे की मौत
-18 जनवरी को निधौलीकलां के मुमियांखेड़ा निवासी 55 वर्षीय महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से।
– 19 जनवरी को 15 वर्षीय किशोरी की मौत खेत में काम करने के दौरान।
– 19 जनवरी को अरुणा नगर निवासी 25 वर्षीय राममोहन की दिल का दौरा पड़ने से मौत।
– 21 जनवरी को शहर के मोहल्ला अशोक नगर निवासी 72 वर्षीय मनोहरलाल और निधौली कलां निवासी 60 वर्षीय दिनेश की मौत।