महिलाओं की वैवाहिक उम्र संबंधी बिल को अंतिम रूप देगी संसदीय समिति, चार माह का विस्तार मिला
संसद की एक स्थायी समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए चार महीने का विस्तार (एक्सटेंशन) दिया गया है। समिति महिलाओं की शादी की आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने की मांग करने वाले विधेयक पर विचार कर रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होने वाला है। आगामी आम चुनाव से पहले 17वीं लोकसभा का यह अंतिम सत्र है।
समिति अब चार महीने के विस्तार के बाद मई तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। जबकि, मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में पेश किया गया था। तबसे वह वहां लंबित है। जबकि, सदन का कार्यकाल जून में खत्म हो जाएगा। लोकसभा में पेश किए गए या वहां लंबित विधेयक मौजूदा लोकसभा के भंग हो जाने के बाद खत्म हो जाएंगे।
जारी बुलेटिन में बताया गया कि राज्यसभा के सभापति ने बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 की जांच के लिए संसद की स्थायी समिति को 24 जनवरी, 2024 से चार महीने की अवधि के लिए विस्तार दिया है। समिति को पहले भी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए विस्तार दिया गया था। इस विधेयक को दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद इसे शिक्षा, महिला, बच्चों, युवाओं और खेलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। यह समिति राज्यसभा सचिवालय के तहत काम करती है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जांच के लिए विधेयक को लोकसभा अध्यक्ष से स्थायी समिति के पास भेजने का अनुरोध किया था। ईरानी ने सदन को बताया था कि सरकार पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता लाने की कोशिश कर रही है।