अमेरिका में एक और भारतीय छात्र की गई जान, यूनिवर्सिटी से हुआ था गायब, अब मौत की पुष्टि
अमेरिका में बीते दो दिन के अंदर दो भारतीय छात्रों की हत्या की खबर सामने आई है। हाल ही में अटलांटा में एक दुकान में भारतीय छात्र विवेक सैनी की एक नशेड़ी ने हथौड़े से मार-मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद अब शिकागो की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के एक छात्र की भी हत्या का मामला सामने आ रहा है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी के कैंपस से रविवार को लापता हुए छात्र नील आचार्य की मौत की पुष्टि की है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें रविवार सुबह 11.30 बजे के करीब यह जानकारी मिली कि पश्चिमी लफायेट के 500 एलिसन रोड पर एक शव बरामद किया गया है। जांच करने पर यह एक कॉलेज जाने वाले छात्र का शव पाया गया। मृतक की पहचान भारतीय मूल के छात्र नील आचार्य के तौर पर की गई है। नील की मौत का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
इससे पहले रविवार को नील की मां गौरी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट कर लोगों से अपने बेटे को ढूंढने की अपील की थी। उन्होंने कहा था- “हमारा बेटा नील आचार्य 28 जनवरी से लापता है। वह अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी का छात्र है। उसे आखिरी बार एक उबर कैब के ड्राइवर ने पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में छोड़ा था। हम उसकी जानकारी चाहते हैं। अगर आपको कुछ पता हो तो हमारी मदद करें।” उनके इस पोस्ट के बाद शिकागो में महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि वे पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ जुड़े हैं और मामले पर नील के परिवार से भी बात कर रहे हैं। दूतावास ने हर तरह की मदद की बात भी कही।
पर्ड्यू एक्सपोनेंट नाम की एक मल्टीमीडिया एजेंसी के मुताबिक, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख क्रिस क्लिफटन ने सोमवार को विभाग और फैकल्टी को एक ईमेल में नील आचार्य की मौत की पुष्टि की। क्लिफ्टन ने कहा कि नील काफी प्रतिभाशाली छात्र था। उसने कंप्यूटर साइंस और डेटा साइंस में डिग्री हासिल की थी और वह जॉन मार्टिंसन ऑनर्स कॉलेज में पढ़ता था।
अमेरिका के लिथोनिया में भी हुई भारतीय युवक की मौत
इससे पहले अमेरिका के लिथोनिया शहर के जॉर्जिया में एक बेघर नशेड़ी ने एक 25 वर्षीय भारतीय छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दरअसल, छात्र पिछले कुछ दिनों से उस बेघर नशेड़ी की मदद कर रहा था। हत्या की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने इस घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अटलांटा में हुई इस घटना पर भारत ने शोक जताते हुए इसे डरावना बताया और इसकी निंदा की।