कोचर दंपती को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, अंतरिम जमानत के फैसले पर मुहर लगा कोर्ट ने यह कहा
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने दंपती को ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद, अंतरिम जमानत देने के एक डिवीजन बेंच द्वारा पारित आदेश की पुष्टि की है। एक अंतरिम उपाय के रूप में, उच्च न्यायालय ने कोचर को इस आधार पर अंतरिम जमानत दी थी कि प्रथम दृष्टया यह अवैध गिरफ्तारी का मामला बनता है।
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने मंगलवार को कहा, ”हमने अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि की है।” कोचर के वकील अमित देसाई ने दलील दी थी कि असहयोग गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। उनके मामले में, जब उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, तब कोई महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी, जो कानून के तहत अनिवार्य है। देसाई ने दलील दी थी कि एक महिला होने के नाते उन्हें पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय नहीं बुलाया जा सकता था।
सीबीआई की ओर से पेश अधिवक्ता कुलदीप पाटिल ने कहा था कि कोचर की तरफ से पूरी तरह से असहयोग का रवैया रहा है और उनका सामना वीडियोकॉन प्रमुख वेणुगोपाल धूत से कराए जाने की जरूरत है। दंपति को सीबीआई ने 23 दिसंबर, 2022 को वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में गिरफ्तार किया था। कोचर दंपती के अलावा सीबीआई ने इस मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। सीबीआई का आरोप है कि निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था।
सीबीआई ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और धूत के साथ दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित न्यूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 2019 में आईपीसी की आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद किया था। आरोप है कि बदले में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के जरिये न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। एसईपीएल को एक घुमावदार तरीके से 2010 से 2012 के बीच दीपक कोचर की ओर से प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को हस्तांतरित किया गया।