भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर; ऊर्जा मंत्री ने अक्षय ऊर्जा को लेकर किया बड़ा दावा
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस हफ्ते बढ़कर 622.469 अरब डॉलर हो गया है, जो बीते एक महीने का उच्चतम स्तर है। 2 फरवरी को खत्म हुए पिछले हफ्ते के मुकाबले ये 5.736 अरब डॉलर बढ़ा है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक डाटा के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा संपत्ति (Forex currency assets) का रहा, जो 5.186 अरब डॉलर बढ़कर 551.331 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी मुद्रा संपत्तियों में रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी मुद्राओं का उपयोग करके खरीदी गई यूएस ट्रेजरी बिल जैसी संपत्तियां हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा संपत्ति का ही होता है। गोल्ड रिजर्व भी 68 करोड़ डॉलर बढ़कर 48 अरब डॉलर हो गया है। अक्तूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सबसे ज्यादा 645 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा था। हालांकि साल 2022 में आयात की लागत बढ़ने की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में काफी गिरावट आयी थी। अब एक बार फिर ये उच्चतम स्तर की तरफ बढता दिख रहा है।
2030 तक 65 फीसदी ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा से हासिल करेंगे
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का कहना है कि साल 2030 तक हम अपनी कुल ऊर्जा जरूरत का 65 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा से हासिल करने में सक्षम हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी भारत की कुल ऊर्जा जरूरत में से 44 प्रतिशत ऊर्जा गैर-जीवाश्म ईंधन से हासिल होती है और साल 2030 तक इसके 65 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। आरके सिंह ने कहा कि यह 2021 के कॉप सम्मेलन में तय किए गए लक्ष्य से कहीं ज्यादा है।
ग्लासगो में हुए कॉप26 सम्मेलन में भारत ने साल 2030 तक 500 गीगावाट ऊर्जा गैर-जीवाश्म ईंधन से पाने का लक्ष्य रखा था, जो भारत की कुल ऊर्जा जरूरत का 50 फीसदी है, लेकिन अब हम 60-65 प्रतिशत ऊर्जा अक्षय ऊर्जा से हासिल कर सकते हैं। इससे 2030 तक एक अरब टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रई आरके सिंह ने शुक्रवार को एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलेपमेंट समिट के दौरान ये बात कही। उन्होने कहा 1,03,000 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा का अभी देश में निर्माण हो रहा है। वहीं 71 हजार मेगावाट के लिए बिड चल रही है।