वन रैंक, वन पेंशन पर मची रार, रकम पर भ्रम बरकरार, डिसेबिलिटी पेंशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई सरकार!
लोकसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने वन रैंक, वन पेंशन और पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि यूपीए सरकार द्वारा पास की गई वन रैंक, वन पेंशन स्कीम और पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लागू करे।
पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएं। बतौर कर्नल चौधरी, रक्षा मंत्रालय की 23 दिसंबर, 2022 के प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि वन रैंक, वन पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। अक्तूबर 2023 में राजस्थान चुनाव के दौरान झुंझुनू की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि 70,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। कुछ दिन पहले हरियाणा के रेवाड़ी में हुई एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, वन रैंक, वन पेंशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम दी जा चुकी है।
मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये बकाया
कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सैनिकों और पूर्व सैनिकों के समर्थन में मोदी सरकार के समक्ष कई मांगें रखी गई हैं। कर्नल रोहित चौधरी के मुताबिक, यूपीए सरकार द्वारा पास की गई वन रैंक, वन पेंशन स्कीम एवं पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लागू करने और पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये, अविलंब जारी किए जाएं।
कांग्रेस की एक ही मांग वन रैंक, वन पेंशन स्कीम है, जिसे यूपीए सरकार ने दोनों सदनों में पास किया था। वर्ष 2014 में वन रैंक, वन पेंशन के लिए पूरा मसौदा तैयार किया गया था। वन रैंक, वन पेंशन पर कुल खर्च 8,300 करोड़ रुपये आना था। मोदी सरकार द्वारा 2015 में इसे लागू किया गया, मगर इसके कई पहलू हटा दिए गए।
23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं
चौधरी के अनुसार, कुल 5,300 करोड़ रुपे का खर्च पास किया गया। ओआरओपी-2 आने के बाद यह राशि 23 हजार करोड़ रुपये होनी चाहिए थी। रक्षा मंत्रालय की 23 दिसंबर, 2022 की प्रेजेंटेशन में कहा गया कि वन रैंक, वन पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं।
उसके बाद अक्तूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस बाबत 70,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। पिछले दिनों रेवाड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है। दूसरी तरफ, रोहित चौधरी कहते हैं कि अभी तक कुल 23 हजार करोड़ रुपये ही दिए गए हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी देश के सामने झूठ बोलना बंद करें। केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों का 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया है, लेकिन उसके पास सेना को देने के लिए पैसे नहीं हैं।