‘धर्मनिरपेक्षता का मजाक बनाकर दिया…’, पूर्व PM देवगौड़ा ने विपक्षी गठबंधन पर साधा निशाना
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सियासी दलों के एक-दूसरे पर हमले तेज हो गए हैं। इस बीच जद (एस) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ उन दलों का संगठन है, जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता का मजाक बनाकर रख दिया है।
‘वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थीं ममता’
विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में रेल मंत्री थीं। इसी तरह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पिता एम करुणानिधि छह साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थे। उनके दामाद तत्कालीन केंद्र सरकार मे मंत्री थे।
‘देश में मजाक बन गई धर्मनिरपेक्षता’
टीएमसी और डीएमके विपक्षी गंठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल हैं। देवगौड़ा ने कहा, हम कई उदाहरण दे सकते हैं। इस देश में अगर कोई धर्मनिरपेक्षता के बारे में बोलता है तो लोग कहते हैं कि यह एक मजाक है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाया है। कांग्रेस का एक सदस्य (महाराष्ट्र में) विधानसभा अध्यक्ष था। मैं कई मामलों का हवाला दे सकता हूं और ये घटनाक्रम धर्मनिरपेक्षता के वास्तविक अर्थ के अनुरूप नहीं हैं।
कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस के इस आरोप पर कि उनके दल जद (एस) ने सांप्रदायिक भापा के साथ हाल मिलाया है, पूर्व प्रधानमंत्री ने पूछा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कितने राज्यों में सत्ता में है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह केवल हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में है। देवगौड़ा ने तीसरी बार जनादेश मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।
‘अटल बिहारी वाजपेयी से अलग हैं नरेंद्र मोदी’
उन्होंने कहा, मोदी, वाजपेयी से अलग हैं। वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा लोकसभा चुनावों में 180 से ज्यादा सीट का आंकड़ा पार नहीं पाई। जबकि मोदी को 282 सीट (अकेले भाजपा को) मिलीं और राजग सहयोगियों के पहले कार्यकाल में 350 से ज्यादा सीट थीं। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने कहा कि अब वह गठबंध के साथ 400 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व को न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी पहचान मिली है।