काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान रिकॉर्ड तोड़ लोगों की बन रहा पसंद, इस साल अब तक 3.27 लाख पर्यटक आए
असम में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) तेजी से लोगों के बीच प्रसिद्ध होता जा रहा है। उम्मीद है कि यह जल्द ही एक लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन हॉटस्पॉट बन जाएगा। दरअसल, जब से यह उद्यान बना है, तब से लेकर अबतक इस साल यहां सबसे अधिक संख्या में पर्यटक आए हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के अलावा स्तनधारियों और पंखों वाले दुर्लभ पशु-पक्षियों की समृद्ध विविधता के लिए जाना जाता है। यह वैश्विक राष्ट्रीय उद्यानों में एक अद्वितीय रत्न है। असम के गोलाघाट और नागांव क्षेत्रों में स्थित, इसकी सीमा उत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी और दक्षिण में कार्बी आंगलोंग पहाड़ों से लगती है। हरे-भरे चाय के बागानों से घिरा, राष्ट्रीय उद्यान परिवारों की पसंद बन रहा है।
1974 में बना था राष्ट्रीय उद्यान
सन् 1974 में बना यह राष्ट्रीय उद्यान पूर्वोत्तर भारत का गौरव है। हाल के आंकड़ों से यहां पर्यटन में भारी वृद्धि का पता चलता है। साल 2023-2024 में इस काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कुल 3,27,493 पर्यटक आए, जिनमें 3,13,574 भारतीय और 13,919 विदेशी पर्यटक थे। बता दें, केएनपीटीआर में तीन प्रशासनिक प्रभाग शामिल हैं- पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग, विश्वनाथ वन्यजीव प्रभाग और नागांव वन्यजीव प्रभाग। सभी प्रभागों में पर्यटन में वृद्धि हुई है, जो गैर-पारंपरिक पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता को दर्शाता है।
क्या कुछ खास रहा?
पिछले साल अक्तूबर में मानसून के बाद लोगों के लिए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व फिर से खोला गया था। यहां घूमने आए लोगों के लिए जंगल सफारी और हाथी सफारी सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहा। वहीं, कार्बी-आंगलोंग में साइकिल चलाने तथा पानबारी वन रेंज और चिरांग में ट्रेकिंग करने का विकल्प देना भी कहीं न कहीं फायदेमंद रहा। इसके अलावा चोरान-अहम (कार्बी) और अजुन उकुम (मिसिंग) जातीय रेस्तरां ने लोकप्रियता हासिल की, जबकि बुराचापोरी में महिलाओं के नेतृत्व वाले रेस्तरां बिसाग-ना (बोडो) ने भी प्रसिद्धी हासिल की। इतना ही नहीं, इस साल डॉल्फिन देखने के लिए बोट सफारी की सुविधा शुरू की गई थी।