अतिरिक्त चर्बी के कारण गर्दन दिखती है मोटी तो करें इन योगासनों का अभ्यास

शरीर और चेहरे का आकर्षण पतली गर्दन बढ़ाती है। गर्दन पर आगे और पीछे की तरफ जमी अतिरिक्त वसा और डबल चिन लुक खराब करती है। कोई ड्रेस या शर्ट आदि में परफेक्ट जाॅ लाइन और पतली गर्दन निखार लाती है। ऐसे में शरीर के कई हिस्सों की अतिरिक्त चर्बी को घटाने के साथ ही गर्दन में जमी वसा को कम करने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है।

इन योगासनों में से एक फेशियल योगा है, जिसके अभ्यास से डबल चिन घट सकती है। खास बात ये है कि फेशियल योगा के अभ्यास के लिए किसी खास वक्त की जरूरत नहीं होती है। फेशियल योगा कभी भी और किसी भी स्थिति में किया जा सकता है। यहां कुछ योगासनों के बारे में बताया जा रहा है, जो गर्दन और पीठ पर जमी वसा को घटाने के साथ ही डबल चिन को कम करने में सहायक है।

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन के अभ्यास के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठकर दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें और घुटनों को कंधों के समानांतर ले जाएं। अब गहरी सांस लेते हुए रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस करें। हाथों से पैरों को पकड़ें और कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। इस स्थिति में 30 से 60 सेकेंड रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।

भुजंगासन

भुजंगासन के अभ्यास से गर्दन और गले में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद मिलती है और वजन कम होता है। भुजंगासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर हाथों को सिर के के दोनों तरफ जमीन पर टिका लें। अब हथेलियों को कंधों के बराबर ले जाते हुए गहरी सांस ले और हाथों को जमीन पर दबाते हुए नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं। सिर, छाती और पेट के हिस्से को ऊपर उठाएं। अब सिर को ऊपर की तरफ सांप के फन की तरह खींचे। कुछ देर इसी स्थिति में रहें और धीरे धीरे शुरुआती स्थिति में आ जाएं।

ताड़ासन

इस योग के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों पर सकारात्मक असर पड़ता है। डबल चिन कम करने और गर्दन पर मौजूद फैट को कम करने में मदद मिलती है। ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए दोनों पैरों के पंजों को मिलाकर सीधा खड़े हो जाएं। भुजाओं को साइड में रखें और हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए उंगलियों को फंसा कर हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। अब नजर सीध में किसी बिंदु पर टिकाएं। सांस लेते हुए भुजाओं, कंधों और छाती के साथ ऊपर की ओर तानें। अब एड़ियों को ऊपर उठाते हुए पैरों के पंजों पर खड़े हो जाएं। पूरे शरीर को आसमान की ओर ले जाते हुए कुछ देर सांस रोककर इसी स्थिति में खड़े रहें। अब सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आ जाएं।

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