सैन्यकर्मी पर छापेमारी से नाराज जवानों ने थाना घेरा, पुलिसवालों को बंधक बनाया
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार और पाकिस्तान सेना ने शुक्रवार को एक सेवारत अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सेना के जवानों के बीच चल रही जंग की जांच कराने का फैसला किया, ईद के दिन यह मुद्दा सोशल मीडिया का चर्चा का विषय बना रहा। गौरतलब है कि मदरसा पुलिस के स्टेशन हाउस अधिकारी समेत चार कर्मियों पर एक व्यक्ति और उसके दो बेटों को अधिकार के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मामले में एक पुलिस एसएचओ निलंबित
इस मामले ने तूल पकड़ा और एक अन्य पुलिसकर्मी मारूट पुलिस एसएचओ को निलंबित कर दिया गया और सोशल मीडिया पर गलत सूचना प्रसारित करने के लिए उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। गौरतलब है कि 10 अप्रैल को मदरसा पुलिस में इंस्पेक्टर सैफुल्लाह हनीफ की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि पूर्व एसआई/एसएचओ रिजवान अब्बास, एएसआई मोहम्मद नईम, कांस्टेबल मोहम्मद अब्बास और अली रजा ने मोहम्मद खलील और मोहम्मद इदरीस और उनके पिता मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया, जिन्हें 8 अप्रैल को दर्ज हुई एफआईआर में नामित किया गया था।
बिना लाइसेंस की पिस्तौल रखने के आरोप में की थी छापेमारी
आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बजाए 24 घंटे से अधिक समय तक थाने में हिरासत में रखा। सूत्रों के मुताबिक, एएसआई नईम और थानेदार रिजवान अब्बास ने सात अप्रैल को चक सरकारी निवासी मोहम्मद अनवर के बेटे रफाकत को बिना लाइसेंस की पिस्तौल रखने के आरोप में गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पर छापेमारी की थी।
सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही वीडियो
इस बीच, अनवर के बेटे मोहम्मद खलील, एक सैन्य अधिकारी, ने अपने भाई इदरीस और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दो पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। जल्द ही, पुलिस अधिकारियों को बंधक बनाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। इसी बीच, पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और थानेदार और एएसआई को मुक्त कराया और मोहम्मद अनवर और उसके बेटों खलील और इदरीस को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने न केवल परिवार के सदस्यों को गंभीर यातनाएं दीं बल्कि घर में तोड़फोड़ भी की। इस हरकत का एक वीडियो भी वायरल हुआ।