ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ के आरोप में एक गिरफ्तार; नाबालिग के पिता भी लिए जाएंगे हिरासत में
मुंबई: पुणे कार हादसा इन दिनों विवादों में है। मामले में पुणे पुलिस ने आज एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर खून के नमूने के साथ हेरफेर करने का कथित आरोप है। इसके अलावा, ड्राइवर को बंधक बनाने के मामले में अदालत ने आरोपी के पिता को हिरासत में लेने के लिए पुलिस को अनुमति दे दी है
यह है पूरा मामला
पूरा मामला शुरू होता है रविवार से। रविवार तड़के 17 साल का आरोपी नशे में लग्जरी कार चला रहा था। इस दौरान उसने एक बाइक को टक्कर मार दी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। दोनों पेशे से इंजीनियर थे। आसपास के लोगों ने आरोपी को पहले तो खूब पीटा फिर पुलिस को सौंप दिया। मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई है। दोनों पार्टी करके घर जा रहे थे।
आरोपी के खिलाफ येरवडा पुलिस स्टेशन में 279 (रैश ड्राइविंग), 304 ए (लापरवाही से मौत), 337 (मानव जीवन को खतरे में डालना) और 338 (गंभीर चोट पहुंचाना) सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपी को हिरासत में भी लिया गया। रविवार को ही उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया। कोर्ट ने उसे सड़क हादसे पर निबंध लिखने और 15 दिनों के लिए येरवडा यातायात पुलिस के साथ काम करने के लिए निर्देश दिया। विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी और उसे अवलोकन गृह भेज दिया। पुलिस ने आरोपी के पिता और दादा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।
पोर्श की तकनीकी टीम पहुंची मुंबई
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संजीव भोर ने सोमवार को बताया कि पोर्श के प्रतिनिधि कार का तकनीकी निरीक्षण करने येरवडा पुलिस स्टेशन पहुंचे। महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने पहले बताया था कि कार को मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर द्वारा आयात किया गया था। वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा था। मालिक द्वारा 1,758 रुपये की फीस का भुगतान न करने के कारण वाहन का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था।