‘डिजिटल स्कूल-यूनिवर्सिटी से उज्ज्वल होगा शिक्षा का भविष्य’, अमर उजाला से बातचीत में बोले अलख पांडे
एडटेक कंपनी फिजिक्स वाला आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। इसकी शुरुआत एक यूट्यूब चैनल से हुई थी, जो आज यूनिकॉर्न बन गई है। नीट और जेईई की अच्छी तैयारी कराने के लिए अलख पांडे ने 2020 में फिजिक्स वाला एप लॉन्च किया। 8,000 करोड़ की कंपनी के पास आज 15,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। अब तक की इस यात्रा पर कंपनी के संस्थापक अलख पांडे से राहुल कांकरिया की बातचीत…
आपको फिजिक्स वाला शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली?
बचपन में मेरे पास इतने संसाधन नहीं थे। कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। मैं 10 साल का था, जब पिताजी को मकान बेचना पड़ा। इस मुश्किल हालातों के बीच मेरी माताजी हमेशा आगे बढ़ने और बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करती थीं। माताजी शिक्षिका हैं। घर बिकने के बाद उन्होंने ट्यूशंस लेने के लिए प्ररित किया। ट्यूशंस के साथ मैं आईआईटी की तैयारी करता था। भले ही मैं आईआईटी नहीं निकाल पाया, लेकिन एक बात समझ में आई कि पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद आपको प्रशिक्षित टीचर, अच्छे स्टडी मटीरियल और बेहतर गाइडेंस की जरूरत पड़ती है। इसने मुझे फिजिक्स वाला शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
इसने देश की शिक्षा पर कैसा प्रभाव डाला है और किस तरह के बदलाव आप देख रहे हैं?
2018-19 तक मेडिकल नीट यूजी परीक्षा के लिए 15 लाख बच्चे पंजीकरण कराते थे। इनमें से सिर्फ वही दो लाख बच्चे तैयारी कर पाते थे, जिनके पिता कोचिंग के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये की फीस भर पाते थे। बाकी 13 लाख बच्चे सिर्फ इस प्रयास में फॉर्म भरते थे कि किसी तरह एक राउंड निकल जाए। इन समस्याओं को देखते हुए हमने नीट यूजी के लिए 3,500 रुपये में ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किया। इससे अब वे बच्चे भी ऑनलाइन तैयारी कर पा रहे हैं, जो पहले सक्षम नहीं थे। तीन साल में 35,000 बच्चे हमारे इस कोर्स के जरिये सेलेक्ट होकर डॉक्टर बन गए हैं। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।