नूतन ने मां की फिल्म से किया था डेब्यू, मिस इंडिया का खिताब जीता, संजीव कुमार से अफेयर की उड़ी थी अफवाह
अपनी अदाकारी से पहचान बनाने वाली अभिनेत्रियां तो बहुत सी हैं, लेकिन अगर यह कहा जाए कि उन सभी में से नूतन एकदम अलग है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। नूतन का जन्म आज ही के दिन साल 1936 में हुआ था। अब वो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन शानकार कलाकार के तौर पर उनकी शख्सियत आज भी कायम हैं। उनके काम को पसंद करने वाले आज भी कम नहीं हुए हैं।
नूतन अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। अभिनेत्री काजोल की मां और दिग्गज अभिनेत्री तनुजा, नूतन की छोटी बहन हैं। मां-बेटी की बात चल पड़ी है तो आपको बता देते हैं कि नूतन केवल 14 साल की थीं, जब उन्होंने ‘हमारी बेटी’ फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। इस फिल्म का निर्देशन नूतन की मां शोभना ने ही किया था। ‘छलिया’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘पेइंग गेस्ट’, ‘अनाड़ी’, ‘कर्मा’, ‘मेरी जंग’ और ‘सौदागर’ नूतन के करियर अहम फिल्मों में शामिल हैं। उन्होंने करीब 70 फिल्मों में अभिनय किया था।
साल 1959 में नूतन ने रजनीश बहल से शादी की थीं, जो इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर थे। नूतन ने एक बेटे को जन्म दिया था। उनका नाम मोहनीश हैं। ये वही मोहनीश हैं, जिन्हें आपने ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म में देखा होगा। नूतन ने ‘मिस इंडिया’ का भी खिताब जीता था और इस मुकाम को हासिल करने वाली वो पहली एक्ट्रेस थीं। नूतन किरदार की मांग के हिसाब से आत्मविश्वास के साथ बोल्ड कपड़े भी पहना करती थीं। उदाहरण के लिए साल 1958 में आई फिल्म ‘दिल्ली का ठग’ में नूतन स्विमसूट पहने नजर आई थीं। उन्होंने इस फिल्म में डाइविंग चैंपियन की भूमिका निभाई थी।
नूतन के बारे में कहा जाता है कि वो फिल्म के सेट अक्सर खामोश ही रहती थीं। उन्हें कभी-कभार ही किसी से बातचीत करते हुए देखा जाता था, मगर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके और एक बड़े अभिनेता के बीच कुछ ऐसा होने लगा था, जिससे बात इस हद तक पहुंच गई थी कि नूतन को अपना हाथ उठाना पड़ गया था। दरअसल, बात उस दौर की है, जब ‘देवी’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी। इस दौरान नूतन की दोस्ती संजीव कपूर से हो गई थी। दोनों की नजदीकियों को देख अफेयर की अफवाह से खबरों का बाजार गरम हो गया था। फिर एक दिन नूतन ने एक मैग्जीन में इस तरह की खबर पढ़ ली। पता चला कि संजीव कुमार ने ही अफेयर की बात फैला रखी है, हालांकि, यह गलतफहमी थी, लेकिन इतना जानते ही नूतन आग बबूला हो उठी थीं और उन्होंने संजीव कुमार को तमाचा जड़ा दिया था।
नूतन को उनके काम के लिए कई बार सम्मानित किया गया था। उन्हें पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। कहा जाता है कि तीस साल तक किसी अभिनेत्री को इतने फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिले थे। नूतन को पद्मश्री से भी नवाजा गया था। साल 1991 के फरवरी महीने में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्हें ब्रेस्ट कैंसर था, जिसके बारे में साल 1990 में पता चला था।