सरकार बनने से पहले मणिपुर फिर चर्चा में, जिरीबाम जिले तक पहुंची आंच; आगजनी के बाद कर्फ्यू
केंद्र में सरकार बनने से पहले मणिपुर एक बार फिर चर्चा में है। बृहस्पतिवार को यहां उग्रवादियों ने शख्स की हत्या कर दी जिसके बाद से ही यहां तनाव बना हुआ है। जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू है।
लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी में हैं। दरअसल जिरीबाम जिला अब तक जातीय हिंसा से बचा हुआ था लेकिन बृहस्पतिवार को इसके भी चपेट में आ जाने से सियासत गरमा गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लोकसभा के पहले सत्र में ही मणिपुर को लेकर जोरदार हंगामा देखन को मिल सकता है।
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने का आदेश…
जिरीबाम के जिला मजिस्ट्रेट ने एसपी को घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा बलों के बीच त्वरित संचार और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन को शामिल करते हुए एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
जिरीबाम में तनावपूर्ण शांति हथियार लौटाने की मांग
संदिग्ध उग्रवादियों ने बृहस्पतिवार को 59 वर्षीय सोइबम सरत कुमार सिंह की हत्या कर दी। इसके बाद स्थानी लोग सड़कों पर उतर आए और आगजनी कर दी। कर्फ्यू के बीच भी शुक्रवार को यहां लोगों ने प्रदर्शन किया। स्थानीय लोग अब चुनाव के समय लिए गए लाइसेंसी हथियार लौटाने की मांग कर रहे हैं।
जीत से उत्साहित है विपक्षी गठबंधन
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि निश्चित ही जिरीबाम ने एक बार फिर से मणिपुर को चर्चा में ला दिया है। वह कहते हैं कि इस बार मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। भाजपा और एनडीए को यहां पर हार का सामना करना पड़ा।
nकांग्रेस वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यहीं से भारत न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। इस बार विपक्ष इंडिया गठबंधन भी मजबूत हुआ है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि सबसे जरूरी है दोनों समुदाय में विश्वास बहाली। बातचीत से यह संभव है।