भारत से कुवैत पहुंचते ही मौत की आग में समाए लोकनंदम; केरल के राज्यपाल बोले- हादसा शब्दों से परे
कुवैत के मंगफ इलाके में एक छह मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 49 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में 45 भारतीयों की भी मौत हुई है। मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कुवैत की दुखद घटना शब्दों से परे एक त्रासदी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा।
मेरे पास शब्द नहीं- आरिफ मोहम्मद खान
राज्यपाल ने कहा कि लोग अपना घर छोड़कर रोजगार के लिए विदेश जाने को मजबूर होते हैं। लोगों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है इसलिए वे नौकरी की तलाश में विदेश चले जाते हैं। आरिफ मोहम्मद खान ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों के पास स्थानीय स्तर पर रोजगार के विकल्प नहीं बचे हैं और इस पर विचार करने की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा ‘इस समय हमें शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। ईमानदारी से कहूं तो मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह इतनी गंभीर और हृदय विदारक त्रासदी है कि कहने के लिए कुछ नबीं बचा।’ बता दें कि केरल के कोच्चि हवाई अड्डे पर सुबह 10.30 बजे भारतीय वायुसेना के विमान में 45 भारतीय मृतकों के पार्थिव शरीर लाए गए। इनमें से 45 में से 23 मृतक केरल, सात तमिलनाडु और एक कर्नाटक के रहने वाले थे।
जिस दिन कुवैत पहुंचे लोकनंदम, उसी दिन हुई मौत
ये दुखद कहानी आंध्र प्रदेश के लोकनंदम की है। दरअसल, जिस दिन लोकनंदम भारत से कुवैत गए, उसी दिन भीषण अग्निकांड में उनकी भी मौत हो गई। लोकनंदम श्रीकाकुलम जिले के सोमपेटा गांव के रहने वाले थे। लोकनंदम हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए भारत आए थे। इसके बाद जिस दिन वे भारत से कुवैत वापस गए, उसी दिन भीषण हादसे में वे मौत के आगेश में समा गए। लोकनंदम की मौत से उनके गांव सोमपेटा में हर कोई स्तब्ध है।