भीषण गर्मी पर वार करेगा ला-नीनो, तेज हवाओं संग जल्द दस्तक देगा मानसून, अच्छी बारिश के संकेत
मेरठ: इस बार रिकाॅर्ड तोड़ भीषण गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया, लेकिन अब समुद्र तट और आकाश गंगा से मानसून के दृष्टिगत शुभ संकेत मिल रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ला-नीनो के कारण ही इस बार भीषण गर्मी और लू का प्रकोप रहा।यही ला-नीनो बेहतर मानसून का भी सबब बनने जा रहा है। बीते दिनों आई आंधी ने ला-नीनो के आगमन का इशारा कर भी दिया था। मानसून के 25 जून के आसपास आने की संभावना थी, लेकिन मध्यम रफ्तार के कारण जुलाई के शुरुआत में आने के आसार हैं।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. यूपी शाही का कहना है कि जिस वर्ष ला-नीनाे का असर होता है। उस वर्ष भारत में गर्मी अधिक रहती है और आंधी-तूफान भी आते हैं।उनका मानना है कि ला-नीनो का असर फिर से सक्रिय हो गया है। इसी वजह से दिन का तापमान सामान्य ऊपर चल रहा है। ला-नीनो का असर मेरठ समेत समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी दिखाई दे रहा है। इसके चलते मौसम बदल रहा है। कई बार आंधी भी आई है।
ग्रह-गोचर का भी झमाझम का इशारा
आकाश गंगा के महारथियों ने इस साल धरती काे तर-ब-तर करने की तैयारी कर ली है। कुछ दिन बाद आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के दौरान सूर्य की हरी झंडी मिल जाएगी और ग्रह-नक्षत्रों के सरमायेदार बादलों के कपाट पूरी तरह खोलने का आदेश जारी कर देंगे। नतीजतन, अच्छी बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं। मेदिनी ज्योतिष के मर्मज्ञों के अनुसार, इस वर्ष विधि ने ग्रहों का गठन इस प्रकार किया है कि इंद्रदेव के कार्यक्षेत्र में बाधा उत्पन्न नहीं होगी। अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे भी खिल जाएंगे।
बिहार से पहले ही भटक गया मानसून
इस बार केरल में भी समय से दो दिन पहले 30 मई को ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। ऐसे में लग रहा था कि 20 जून के बाद मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है, लेकिन रफ्तार बीच में धीमी हो गई। बिहार आने से पहले मानसून भटक गया।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. एन. सुभाष का कहना है कि मानसून बिहार से पहले ही अटका हुआ है। साइक्लोन के कारण जो रफ्तार मानसून ने पकड़ी थी, वह धीमी है। मानसून जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही आने की संभावना है। अगर रफ्तार बढ़ती है तो कुछ पहले भी आ सकता है। 19 और 20 जून को वेस्ट यूपी के सभी जिलों में हल्की बारिश होने के आसार हैं।
क्या है ला-नीनो
ला-नीनो स्पेनिश भाषा का शब्द है। इसका अर्थ है शिशु यानि छोटा बालक। वैज्ञानिक अर्थ में ला-नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र की उस समुद्री घटना का नाम है जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित इक्वाडोर और पेरू देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है।इससे समुद्र के सतही जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। ला-नीना के रहने से भारतीय भू-भाग में आंधी और तूफान की संभावना अधिक रहती है।