भारतीय अम्मा के नाम पर आठ सालों तक ठगी, चीनी मूल की सिंगापुरी महिला दोषी; अब साढ़े 10 साल की जेल
54 वर्षीय चीनी मूल की सिंगापुरी महिला वू मे हो 2012 से लगभग 8 सालों तक 30 अनुयायियों के समूह का नेतृत्व करती थी। ये अनुयायी एक भारतीय आध्यात्मिक श्री शक्ति नारायणी अम्मा में विश्वास रखते थे। वू अपने अनुयायियों को अम्मा की सीख बताकर समझाया। उन्होंने कहा कि अपने बुरे कामों को साफ करने के लिए अच्छे कामों की संख्या बढ़ानी होगी। जिससे उन सबका स्वास्थ्य ठीक हो सके। उन्होंने बताया कहा कि उन्हें भारत में अम्मा को भुगतान करना होगा। जिससे उनके बुरे कर्म दूर हो सके।
यही नहीं उन्होंने चेतावनी भी दी कि कोई झूठ बोलेगा तो उन्हें भगवान दंडित करेंगे। इसके बाद वू ने अपने अुनयायियों को राजी किया कि उनके पास कितना पैसा है, ये सच बताना है। इसी के साथ ही उसने अपने अनुयायियों को विश्वास दिलाया कि वे एक देवी का स्वरूप हैं, उसकी आज्ञा न मानने पर उन्हें क्रूर दंड मिला। उन्हें मल खाने पर मजबूर होना पड़ेगा, उनका दांत उखाड़ा जाएगा।
सिंगापुरी महिला वू ने अपने अनुयायियों को उनके नियमित और लंबे आध्यात्मिक सत्रों के दौरान आश्वस्त किया कि वह एक देवी है जो कि देवताओं और आत्माओं से संवाद कर सकती है। उसने अनुयायियो को निर्देश दिया कि वे उसे “भगवान” कहें। वू ने अपने अनुयायियों को “पूजा” के रूप में घर, कोंडोमिनियम और कार खरीदने का भी आदेश दिया। हालांकि वू ने इसका इस्तेमाल खुद के लिए किया।
उसने उनसे कहा था कि यह पैसा गाय खरीदने, मंदिर और स्कूल बनाने के लिए भारत भेजा जाएगा। 54 वर्षीय वू मे हो ने धोखाधड़ी और गंभीर चोट पहुंचाने सहित पांच आरोपों में दोषी होने की बात स्वीकार की, जबकि अन्य 45 आरोपों पर विचार किया गया।
वू ने वर्ष 2012 और 2020 के बीच कुल मिलाकर अपने अनुयायियों को सीधे एसजीडी 7 मिलियन का चूना लगाया। उसने वित्तीय संस्थानों से 6.6 मिलियन एसजीडी का और ऋण लेने के लिए उन्हें धोखा दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसने तब से 675,000 एसजीडी की प्रतिपूर्ति की है।