क्या ट्राइग्लिसराइड बढ़ने से भी हो सकता है हार्ट अटैक? कैसे रखें इसे कंट्रोल
हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले कम उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण हृदय रोगों का जोखिम हो सकता है जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत होती है। पर क्या आप जानते हैं कि ट्राइग्लिसराइड का बढ़ा हुआ स्तर भी हृदय स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार की समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है?इतना ही नहीं ट्राइग्लिसराइड के बढ़े हुए स्तर पर अगर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण हार्ट अटैक का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है।
ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का फैट है जिसे लिपिड कहा जाता है। ट्राइग्लिसराइड्स कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से मक्खन, तेल और अन्य वसा वाले स्रोतों से आते हैं। वैसे तो इसे हानिकारक नहीं माना जाता है पर अगर इसकी मात्रा अधिक हो जाए तो इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।
ट्राइग्लिसराइड से होने वाली दिक्कतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हाई ट्राइग्लिसराइड्स धमनियों को सख्त करने या धमनी की दीवारों को मोटा बनाने का कारण बन सकती है जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा पड़ने और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ट्राइग्लिसराइड्स के बहुत अधिक बढ़ने के कारण अग्न्याशय (पैन्क्रियाटाइटिस) की सूजन का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
डॉक्टर कहते हैं, बढ़ते हृदय रोग और हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से लिपिड की जांच कराते रहना चाहिए। इससे ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल दोनों के स्तर का आसानी से अंदाजा लगाने में मदद मिलती है।ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल में रखने के लिए आहार कुछ बदलाव करना आवश्यक हो जाता है।
कुछ सब्जियों से बना लें दूरी
हरी सब्जियों को वैसे तो सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है पर जिन लोगों का ट्राइग्लिसराइड बढ़ा हुआ रहता है उन्हें स्टार्च वाली सब्जियों जैसे मकई और मटर आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए। स्टार्च वाली चीजों से परहेज करके ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है। खाने में हाई कैलोरी वाली चीजों की मात्रा भी कम रखनी चाहिए।
शराब बहुत नुकसानदायक
जो लोग शराब पीते हैं उनमें शराब न पीने वालों की तुलना में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड दोनों का स्तर बढ़ने का जोखिम देखा जाता रहा है। अध्ययनों में पाया गया है कि शराब के कारण न सिर्फ ट्राइग्लिसराइड की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है साथ ही ये रक्तचाप और हृदय संबंधित अन्य समस्याओं का भी कारक है। हृदय स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने के लिए शराब और धूम्रपान दोनों से दूरी बनाकर रखना आवश्यक माना जाता है।
ये चीजें भी बढ़ा देती हैं जोखिम
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं क्योंकि इसमें से अधिकतर लाभकारी पोषक तत्व और फाइबर निकाल दिए जाते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ाते हैं। सफेद ब्रेड, पास्ता, सफेद चावल, कैंडी, पैक्ड-प्रोसेस्ड चीजों के अधिक सेवन के कारण ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ने और तमाम प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।