कनाडा के कैलगरी शहर में जनमत संग्रह की योजना बना रहे खालिस्तानी आतंकवादी, भारत पहले ही जता चुका विरोध

कनाडा के अधिकारियों ने हाल ही में कहा कि वे इस चीज पर रोक नहीं लगा सकते कि सार्वजनिक स्थान का इस्तेमाल कैसे करना है। खालिस्तानी आतंकवादी अब अल्बर्टा के कैलगरी शहर में एक नगरपालिका परिसर में एक कथित जनमत संग्रह की योजना बना रहे हैं। इस तरह का पहला जनमत संग्रह आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से आयोजित किया गया था। इस मामले को भारत पहले कनाडा के विदेश मंत्रालय के सामने उठा चुका है।

कैलगरी की भारतीय मूल की कनाडाई मेयर ज्योति गोंडेक ने स्थानीय मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, नगरपालिका परिसर में कई चीजे होती हैं, क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान है। इस तरह के कार्यक्रमों की हम अनुमति नहीं देते हैं। जनता को एक समुदाय के रूप में एकत्र होकर जो करना चाहती है, वह कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम रोक सकते हैं।
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वहीं, कैलगरी शहर के कॉर्पोरेट संपत्ति के निदेशक इयान फ्लेमिंग ने एक बयान में कहा कि कोई भी व्यक्ति या संगठन अगर उचित दिशानिर्देशों का पालन करते हैं तो वे बिना किसी आवेदन या अनुमति के इस परिसर का उपयोग कर सकते हैं।

कथित जनमत संग्रह से पहले परिसर में पहले से ही एक बड़ा पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें तलविंदर सिंह परमार को दिखा गया है। परमार को 23 जून 1995 को एयर इंडिया की उड़ान कनिष्क में बमबारी का मास्टमाइंड माना जाता है। इस घटना में 329 लोगों की जान चली गई थी। यह कनाडा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी। वह एसएफजे का कोलंबिया प्रांत का प्रमुख भी था।

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