महादेवा में आधी रात से शिवभक्तों का सैलाब, रामनगरी में नागेश्वर नाथ मंदिर में हजारों की भीड़
लखनऊ:सावन के दूसरे सोमवार पर बाराबंकी में महादेवा में भगवान लोधेश्वर के भक्त आधी रात से जलाभिषेक कर रहे हैं। सुबह 10 बजे तक 50 हजार से अधिक लोगों ने महादेवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अन्य जिलों का प्रदेशों से भी लोग लगातार महादेवा पहुंच रहे हैं। सावन के दूसरे सोमवार में भगवान लोधेश्वर का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु रविवार से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। शाम को ही बैरिकेडिंग के अंदर भक्तों की कतार लग गई। रात 12:00 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही हर हर बम बम, हर हर महादेव, लोधेश्वर भगवान की जय के स्वर से आकाश गूंज पड़ा। भीड़ इतनी है कि मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में किसी भी श्रद्धालुओं को 2 से 3 सेकंड से ज्यादा नहीं रुकने दिया जा रहा है। शिवलिंग के ऊपर जाली रख दी गई है उसी से लोग जल और अन्य द्रव्य अर्पित कर रहे हैं। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि भीड़ को देखते हुए न केवल सीसीटीवी कैमरे बढ़ा दिए गए हैं बल्कि रामनगर से महादेवा तक यातायात व्यवस्था भी मजबूत की गई है।
लेटकर परिक्रमा करते पहुंचे भक्त
अपने आराध्य लोधेश्वर भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त जहां गेरुवा कपड़ों में कई किलोमीटर पैदल चलकर महादेवा पहुंच रहे हैं वहीं तमाम भक्त जमीन पर लेटकर परिक्रमा करते हुए आ रहे हैं।
कुंतेश्वर, औसानेशवर और बुढ़वा बाबा में उमड़ी श्रद्धा
सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के किंतूर गांव में महाभारत कालीन कुंतेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। यह शिवलिंग महाभारतकाल में माता कुंती द्वारा स्थापित किया गया था। इसी प्रकार हैदरगढ़ के श्री औसानेशवर महादेव और रामसनेहीघाट के बुढ़वा बाबा मंदिर पर भोर चार बजे से भक्तों की कतारें लगी हैं।
आस्था का केंद्र बना आनंदेश्वर महादेव मंदिर
अमेठी जिले के औद्योगिक क्षेत्र जगदीशपुर के सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) परिसर के आनंदेश्वर महादेव मंदिर निर्माण बड़ा रोचक इतिहास है। मंदिर के पुजारी अनिल कुमार शास्त्री ने बताया कि वर्ष 1995 में यहां जीएम रहे राजेश्वर सिंह को एक दिन सपने में भगवान भोलेनाथ का दर्शन हुआ। उन्होंने इस सपने की जानकारी कई धार्मिक विद्वानों को दी। धार्मिक विद्वानों के परामर्श पर परिसर में भव्य शिव मंदिर निर्माण की योजना बनी। करीब दो वर्षों में मंदिर बन कर तैयार हुआ। वर्ष 1997 में प्रकांड विद्वानों की मौजूदगी में भगवान आनंदेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा हुई। मंदिर के गर्भ गृह में विशालकाय शिव लिंग के साथ शिव परिवार व अन्य देवी-देवाताओं की मूर्तियां हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार भगवान आनंदेश्वर महादेव की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन, अधिमास व महाशिवरात्रि के साथ ही प्रत्येक सोमवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करते हैं।
पूरी होतीं भक्तों की मनोकामनाएं
करीब 26 वर्षों से भगवान आनंदेश्वर महादेव की सेवा करने वाले मंदिर के पुजारी अनिल शास्त्री बताते हैं कि वर्ष 2000 में फैक्टरी अज्ञात कारणों से बंद हो गई थी। फैक्टरी बंद होने के बाद महादेव की कृपा से यहां एक भी पैसे की चोरी नहीं हुई। फैक्टरी का फिर संचालन शुरू हुआ। भगवान आनंदेश्वर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।