‘करोड़पति छोड़ रहे भारत, आने वाले वर्षों में कम हो जाएगा कर राजस्व आधार’, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2.16 लाख भारतीयों ने 2023 में अपनी नागरिकता छोड़ी है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि उच्च कौशल वाले और अमीर भारतीयों का पलायन एक आर्थिक उपहास है, जो आने वाले कुछ वर्षो में देश के राजस्व आधार को कम करेगा। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि कारोबारी हस्तियां भारतीय नागरिकता छोड़कर बड़ी संख्या में सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अन्य स्थानों पर जा रहे हैं।
‘अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा गंभीर असर’
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हाल ही में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया था कि 2023 में 2.16 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। कांग्रेस के संचार प्रभारी रमेश ने कहा कि यह संख्या 2011 की तुलना में करीब दोगुनी है, जो 1,23,000 थी। उन्होंने कहा कि नागरिकता छोड़ने वाले इन भारतीयों में कई अत्यधिक कुशल और शिक्षित हैं। घरेलू श्रम आपूर्ति की कमी के समय उनके देश छोड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा।
‘पलायन से कम हो जाएगा हमारा कर राजस्व’
रमेश ने कहा, इस साल की शुरुआत में एक अग्रणी वैश्विक निवेश प्रवासन सलाहकार फर्म ने खुलासा किया था कि पिछले तीन वर्षों में 17 हजार से ज्यादा करोड़पति लोगों ने भारत छोड़ दिया। उच्च कुशल और अमीर भारतीयों का पलायन पिछले एक दशक में कॉर्पोरेट भारत में चारों ओर डर और धमकी के माहौल के अलावा अपारदर्शी कर (टैक्स) नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है। उन्होंने कहा, यह कुछ और नहीं बल्कि एक आर्थिक उपहास है, जो अगले कुछ वर्षों में हमारे कर राजस्व आधार को कम करेगा।
आप सासंद राघव चड्ढा ने पूछा था सवाल
अपने लिखित जवाब में कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया था कि 2011-2018 के आंकड़ों के अनुसार 2022, 2021, 2020 और 2019 के लिए यह आंकड़ा क्रमश: 2.25 लाख, 1.63 लाख, 85,256 और 1.44 लाख था। दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पूछा था कि क्या सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के भारतीय नागरिकता छोड़ने के कारणों का पता लगाने के लिए कदम उठाए हैं।