लुसाने डायमंड लीग में खेलते दिखेंगे नीरज चोपड़ा, अरशद नदीम के 92.97 मी. के थ्रो पर दिया यह बयान
पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक से चूकने के बाद इन दिनों नीरज चोपड़ा रिहैब में हैं। वह ओलंपिक के दौरान चोटिल थे, लेकिन इसके बावजूद रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे। टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज ने पेरिस में 89.4 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया। वहीं, पाकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। अब नीरज ने अरशद के थ्रो और खुद के प्रयास को लेकर बयान दिया है। नीरज से यह पूछे जाने पर कि अरशद ने जब 92.97 मीटर का थ्रो किया तो वह क्या सोच रहे थे? इस पर भारतीय एथलीट ने कहा- मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं नहीं कर पाऊंगा। भले ही किसी को कैसा भी लगे, लेकिन मुझे कभी नहीं लगा कि मैं नहीं कर पाऊंगा।
नीरज ने कहा- जेवलिन में तीन-चार मीटर बढ़ना या सही से हिट हो जेवलिन, यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह बढ़ जाती है। जैसे हम बात करें अरशद नदीम की भी, 90.18 मीटर थ्रो बेस्ट थी उनकी, जो उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में लगाई थी और मेरी 89.94 मीटर थ्रो बेस्ट थी। वही है ओलंपिक में उसने अचानक से 92.97 मीटर का थ्रो कर दिया और ऐसा नहीं है कि मैं ये नहीं कर सकता था। बस वही था कि मैं अपने आप को इतना पुश नहीं कर सका।
मैं मानसिक तौर पर तैयार था, लेकिन शारीरिक तौर पर मैं खुद को रोक रहा था। मेरे पैर उस तरह से नहीं काम कर रहे थे, जैसे वह आमतौर पर करते हैं रनिंग के दौरान। मेरे प्रयास व्यर्थ जा रहे थे। नदीम के थ्रो के बाद वाला मेरा थ्रो शानदार रहा था और मैं सकारात्मक था। हालांकि, इसके बाद जैसे-जैसे टाइम बढ़ता चला गया, फिर शारीरिक रुकावट आने लगी। मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन जब तक आपका लेगवर्क अच्छा नहीं है, तकनीक अच्छी नहीं है तो आप कितना भी जोर लगा लो तो वो खराब ही हो जाता है। दिमाग में मेरे एक प्रतिशत भी नहीं था कि नहीं हो सकता।