सलीम साब ने कहा था कि मुझे गवाह मत बनाओ, मेरी गवाही वाली शादियां टिकती नहीं हैं, काश! मैंने..
प्राइम वीडियो की तीन एपिसोड की डॉक्यू सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ में फिल्म लेखकों सलीम-जावेद की कामयाबी के ढेरों किस्से हैं। दोनों की बतौर राइटर्स कैसे जोड़ी बनी, दोनों पहली बार कहां मिले, कैसे दोनों के लिखने का दौर चला और कैसे दोनों ने बांद्रा मे समंदर के किनारे बनी चहारदीवारी पर बैठ तमाम यादगार सीन लिखे। लेकिन, इस सीरीज की जो सबसे खास बात है, वह है इन दोनों की निजी जिंदगी के चंद बेहद नाजुक लम्हों को उनके चाहने वालों के सामने लाना। सब जानते हैं कि दोनों की दो दो शादियां हुईं। सलीम खान अब भी अपनी दोनों बेगमों के साथ रहते हैं और जावेद अख्तर ने दूसरी शादी अपनी पहली बीवी से अलग होने के बाद की।
जावेद अख्तर ने पहली शादी अभिनेत्री और फिल्म राइटर हनी ईरानी से की। डॉक्यू सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ बताती है कि दोनों पहली बार फिल्म ‘सीता और गीता’ की मेकिंग के दौरान ही करीब आए और जावेद अख्तर ने ही हनी का नाम फिल्म के लिए प्रस्तावित किया था। हनी ईरानी ने इस फिल्म में अभिनय किया है। इसी फिल्म की शूटिंग के दरमियान का एक किस्सा सुनाते हुए हनी ईरानी भावुक हो जाती हैं। ताश खेलते समय जावेद के लिए लकी ताश का पत्ता निकालने की बात बताते हुए वह कहती हैं, ताश की वो बाजी तो मैंने जीत ली, लेकिन असल जिंदगी की बाजी मैं हार गई।
हनी ईरानी और जावेद अख्तर की मोहब्बत बढ़ी तो दोनो का मिलना जुलना बढ़ता गया। जावेद अख्तर को यूं रोज रोज घर आना हनी के घर वालों को अच्छा नहीं लगता था और एक दिन उन्होंने अल्टीमेटम दे दिया कि या तो घर आना बंद करो या बेटी से शादी करके इसे घर से ले जाओ। शादी की बात तय हुई तो जावेद अख्तर ने सलीम खान को इस शादी के कागजात पर बतौर गवाह दस्तखत करने को कहा। सलीम खान ने इस शादी के लिए हनी ईरानी के घर वालों से मुलाकात की थी और इस दौरान बताते हैं कि जावेद की खूब आलोचना भी की थी। दोनों ने ये सीन फिल्म ‘शोले’ में रखा। डॉक्यू सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ में हालांकि ये किस्सा नहीं है।